July 27, 2024, 6:57 am
spot_imgspot_img

राजस्थान में बार बार वी आई पी मूवमेंट से होने वाली परेशानी से परेशान हुआ राँझा

(जयपुर तमाशा के परंपरागत आख्यान रांझा हीर का हुआ मंचन, केजरीवाल की गिरफ्तारी, अबकी बार 400 पर जैसे नारे पर हुए कटाक्ष )

जयपुर। परंपरागत आख्यान में आधुनिक सन्दर्भ को जोड़ते हुए प्रसिद्द संस्था वीणा पाणी कला मंदिर द्वारा 24 मार्च 2024 को दोपहर 1 बजे जयपुर के लोकनाट्य तमाशा “राँझा हीर” का मंचन ब्रम्हपुरी के छोटा अखाडा में किया गया | वर्षों से होली के अवसर पर जनमानस का मनोरंजन कर रहे भट्ट परिवार की आन बान शान और जयपुर की पहचान बन चुके इस तमाशे का निर्देशन प्रसिद्द तमाशा गुरु वासुदेव भट्ट ने किया |

राँझा की भूमिका में तपन भट्ट और हीर की भूमिका में विनत भट्ट थे | चितरंगा की भूमिका में विशाल भट्ट ने निभाई | सौरभ भट्ट और कपिल शर्मा द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना से प्रारंभ हुए इस तमाशे में संवाद भट्ट एवं अभिनय भट्ट ने रांझा की प्रेमिका की भूमिका अदा की एवं युवा महिला कलाकार झिलमिल ने गणगौर प्रस्तुति दी | तबले पर शेलेन्द्र शर्मा और अनुज भट्ट ने, हारमोनियम पर सौरभ भट्ट, शरद भट्ट ने एवं वायलिन पर फिरदौस अली ने संगत की |

तमाशा में बताया गया कि हीर की तलाश में भटक रहे राँझा को शहर में वी आई पी मूवमेंट के कारण होने वाले जाम ने बहुत परेशान किया । जगह जगह रास्ता बंद होने से उसे अपनी हीर को तलाश करने में बड़ी दिक्कत हुई ।

शास्त्रीय संगीत पर आधारित इस लोक नाट्य तमाशा में प्रमुख राग रागनियों यथा पहाड़ी-भूपाली, सिंध-काफी, मालकौस, मांड, केदार, जौनपुरी, दरबारी, पीलू, काफी, भैरवी आदि बंदिशों के माध्यम से कथानक प्रस्तुत किया गया |

तमाशे में शास्त्रीय गायकी के साथ दर्शकों ने राँझा और चितरंगा के मजेदार संवादों का भरपूर मजा लिया । राँझा हीर के वाद विवाद वाले झूलने भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहे । राँझा द्वारा अपने बाग एवं गढ़ की बनावट के तरीके को विशिष्ठ अंदाज में प्रस्तुत किया जिसमे भारत की पाक कला को स्थापत्य कला से जोड़ा गया । तमाशा कलाकारों ने तमाशा के कथानक को आधुनिक संदर्भो से जोड़ते हुए वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों जैसे अबके बार 400 के नारे, महागठबंधन के दावा, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, मोदी बनाम राहुल गांधी , ईडी सीबीआई का डर और अचानक ही उभरे भजन लाल की सरकार, जैसे मुद्दों के साथ राजस्थान में बार बार पेपर लीक होने और शहर में जाम की समस्या से आम जनता को होने वाली परेशानी पर भी प्रहार किया ।

इस अवसर पर तमाशा के परम्परागत दर्शकों के सम्मान के क्रम में तमाशा के वरिष्ठ दर्शक ललित किशोर शर्मा, रमा शंकर भट्ट, कृष्ण गोपाल शुक्ला और वीरूमल टेकवानी को तमाशा सुधि जन सम्मान एवं शहर के प्रसिद्ध कलाकार हनुमान सहाय जी को विशेष सम्मान दिया गया ।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles