June 28, 2025, 12:37 pm
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कलकत्ता में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या मामला: रेजिडेंट डॉक्टरों किया विरोध प्रदर्शन कर कार्य बहिष्कार

जयपुर। कोलकाता में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या के विरोध में शुक्रवार को जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) के आह्वान पर सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (एसएमएस), जयपुरिया हॉस्पिटल, बनीपार्क स्थित डेंटल कॉलेज हॉस्पिटल समेत तमाम अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार करते हुए डॉक्टर्स ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।

जहां सभी शुक्रवार सुबह एसएमएस धनवंतरी ओपीडी में एकजुट हुए। यहां मैन पोर्च में आकर धरना देते हुए विरोध प्रदर्शन किया। यहां डॉक्टरों ने कोलकाता पीड़ित डॉक्टर को न्याय दिलाने की मांग करने के साथ ही सरकार से रेजिडेंट डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की। इस दौरान 250 से ज्यादा रेंजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन कर अपना काम बंद रखा। साथ ही रेंजिडेंट डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार देखते हुए सीनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी में मरीजों का उपचार कर उन्हें दवाइयां दी। हड़ताल का असर इन हॉस्पिटल की ओपीडी सेवाओं के साथ आईपीडी सेवाओं पर भी पड़ा।

एसएमएस अस्पताल में ही जहां रोजाना 200 से ज्यादा ऑपरेशन होते हैं। 50 फीसदी ही रह गए। वहीं प्रमुख जांचें जिनमें रेजिडेंट की भूमिका रहती है। वहां भी काम प्रभावित रहा। इसके अलावा ओपीडी सेवाएं प्रभावित होने का असर इमरजेंसी सेवाओं पर देखने को मिला। यहां मरीजों की भीड़ बढ़ गई। एसएमएस हॉस्पिटल की इमरजेंसी में डॉक्टरों की संख्या कम होने और मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ने का असर यहां की सर्विस पर देखने को मिला।

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट्स डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ. मनोहर सियोल ने बताया कि कोलकाता में जो घटना हुई वह निंदनीय है और उसके आरोपियों को फांसी की सजा मिले। इसकी हम मांग करते है। इसके साथ ही हम राज्य सरकार से भी राजस्थान खासकर जयपुर में रेजीडेंट्स डॉक्टरों के सुरक्षा की मांग करते है। जिसके चलते शुक्रवार को एसएमएस अस्पताल, जनाना अस्पताल, जेके लोन, गणगौरी अस्पताल, जयपुरिया व मेडिकल कॉलेज से संबंधित अन्य अस्पतालों में रेजीडेंट्स ओपीडी का बहिष्कार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

एसएमएस अस्पताल जयपुर अधीक्षक डॉ सुशील भाटी ने बताया कि अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों का ओपीडी का बहिष्कार और हड़ताल के कारण सीनियर डॉक्टर्स मरीजों को संभाल रहे है। इसलिए ज्यादा हालात खराब नहीं है।

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