खुशनुमा माहौल में रूपान ने बिखेरे रागो के कई रूप

0
337
Rupan spread many forms of ragas in a pleasant atmosphere
Rupan spread many forms of ragas in a pleasant atmosphere

जयपुर। श्रुति मंडल एवं कला संस्कृति विभाग द्वारा महाराणा प्रताप सभागार में आयोजित श्रुति मंडल के स्थापना दिवस समारोह के दूसरे व अंतिम दिन प्रख्यात गायिका पद्म भूषण स्व. गिरिजा देवी की शिष्या देहरादून से पधारी रूपान सरकार ने खुशनुमा माहौल में शास्त्रीय रागों के कई रंग अपनी सुरीली और पुरकशिश आवाज में बिखेरे।

कलाकार रूपान सरकार ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत ,राग मेघ में बड़ा ख्याल एक ताल विलंबित और द्रुत तीन ताल से की । उसके बाद राग यमन कल्याण में टप ख्याल झम झमके वालानी,फिर माज खमाज मैं एक ठुमरी अब के सावन घर आ, उसके बाद दादर भीजी जाऊं में पिया, फिर कजरी घेरी आई रे कारी बदरिया, इसके बाद झुला देखु सांवरे के संग गोरी झुलेली हिंडोला, एक भजन एक दिन मुरली श्याम बजाए अन्त में राग भैरवी दादर में चलरे परदेसिया सुना कर लोगों को आनंद के हिलोरे दिलाकर मंत्र मुग्ध किया । यह कार्यक्रम दो दिवसीय कार्यक्रम शहनाई के सशक्त हस्ताक्षर स्व. बिस्मिल्लाह खां साहब को समर्पिणत रहा । कार्यक्रम का संचालन संगीता गुप्ता ने किया चंद्रप्रकाश सुराणा और उपाध्यक्ष प्राचीर सुराणा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here