जयपुर। जेएलएन मार्ग स्थित होटल क्लार्क आमेर में गो माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलवाने और गो हत्या रोकने के लिए मंगलवार साधु-संतों की एक बैठक आयोजित हुई। जिसमें प्रदेशभर के करीब 3 सौ साधु-संतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस बैठक में संत, शंकराचार्य और महामंडलेश्वर उपस्थित रहे और बैठक का नेतृत्व महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा ने किया।
होटल परिसर में सुबह से ही शंख, घंटा-घड़ियाल, संकीर्तन और जयकारों के बीच देशभर के संत-विभूति एकत्रित हुए। सामान्यत: इस प्रकार की धर्मसभा मठ-मंदिर या गौशालाओं में होती है, परंतु आयोजकों ने कहा कि मामला अत्यंत गंभीर है, इसलिए गंभीरता दर्शाने के लिए संत समाज ने शिष्यों के सहयोग से इस बैठक का आयोजन होटल में किया है।
बैठक के दौरान कम्प्यूटर बाबा ने कहा गोमाता भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं। उन्हें राष्ट्र माता घोषित करना समय की मांग है। आज देशभर में गोमाता की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। वे सड़कों पर भटक रही हैं। भूख-प्यास से मर रही हैं। दुर्घटनाओं का शिकार हो रही हैं। यह केवल सरकार ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक असफलता है।
गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिए बिना भारत अपनी आत्मा की रक्षा नहीं कर सकता
कार्यक्रम के संयोजक देवकीनंदन पुरोहित ने स्पष्ट कहा कि भारतीय संस्कृति, कृषि, पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का संपूर्ण तंत्र गौ पर आधारित है और गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिए बिना भारत अपनी आत्मा की रक्षा नहीं कर सकता।
अन्य संतों ने भी एक स्वर में कहा कि यदि सरकार ने इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो मार्च माह में देशभर के नागा सहित अन्य साधु-संत मार्च माह में दिल्ली कूच कर अनिश्चितकालीन अहिंसक आंदोलन शुरू करेंगे। यह संघर्ष शांतिपूर्ण होगा। परन्तु निर्णायक होगा।
गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा तो गौभक्त और संत दिल्ली कूच करेंगे
बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि केंद्र सरकार गौमाता को राष्ट्र माता घोषित करने, गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो आगामी मार्च में देशभर से हजारों संत व करोड़ों गौभक्त दिल्ली कूच करेंगे।वहां अनिश्चितकालीन धरना देंगे। यह धरना तभी समाप्त होगा जब केंद्र सरकार आधिकारिक घोषणा करेगी। बैठक के अंतिम चरण में संत समाज ने कहा कि यह आंदोलन राष्ट्रहित, धर्म हित और गौ रक्षा के लिए है तथा देश के सभी नागरिकों से इस पवित्र उद्देश्य का समर्थन करने का आह्वान किया।
ये प्रमुख संत और महामंडलेश्वर हुए बैठक में शामिल
जगद्गुरु शंकराचार्य त्रिकाल भांता, महामंडलेश्वर अजय दास, महामंडलेश्वर प्रकाशानन्द, जगद्गुरु आनंदेश्वर महाराज, महामंडलेश्वर भवानी मां, महामंडलेश्वर तनीषा सनातनी, महामंडलेश्वर प्रेमपुरी, महामंडलेश्वर भोलागिरी, महामंडलेश्वर मधुर दास, महामंडलेश्वर कपिल मुनि, महामंडलेश्वर रामसेवक दास, महामंडलेश्वर कालिकानंद, महामंडलेश्वर अन्न गिरि, महामंडलेश्वर राघवेंद्र आनंद, महामंडलेश्वर चंदन दास, महामंडलेश्वर खड़ेश्वरी, महामंडलेश्वर शैलेश नंद, महामंडलेश्वर प्रवीण दास, महामंडलेश्वर लालमणि दास, महामंडलेश्वर बाली बाबा, महामंडलेश्वर स्वामी अजय योगी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिओम, महामंडलेश्वर मोला गिरी, महामंडलेश्वर सूरज गिरी सहित अनेक संतों की उपस्थिति रही।




















