July 14, 2025, 5:59 am
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संदीप चौधरी बने विकसित भारत संकल्प संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष

जयपुर। आज राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण साक्षी बना जब पर्यावरण चेतना के प्रणेता और सामाजिक नेतृत्व के प्रतिमान संदीप चौधरी को विकसित भारत संकल्प संस्थान का राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ट्रस्टी नियुक्त किया गया।

यह नियुक्ति केवल एक दायित्व नहीं, बल्कि उस गहरी राष्ट्रवादी चेतना का प्रतिनिधित्व है, जो भारत को संस्कारित, स्वावलंबी और वैश्विक नेतृत्व में अग्रणी राष्ट्र के रूप में देखना चाहती है। वर्षों से हरित अभियान, वृक्षारोपण और जलवायु संरक्षण के माध्यम से करोड़ों लोगों को जोड़ने वाले चौधरी अब इस विचार को शिक्षा, संस्कृति और सेवा के माध्यम से और अधिक व्यापक रूप देने जा रहे हैं।

अपने भावनात्मक और प्रेरणास्पद उद्बोधन में चौधरी ने घोषणा की कि वे अब ‘विश्व का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय’ स्थापित करने का संकल्प लेते हैं — एक ऐसा विश्वविद्यालय जो केवल डिग्रियाँ नहीं देगा, बल्कि राष्ट्रभक्ति, सेवा, विज्ञान, संस्कृति और नवाचार का सजीव संगम होगा। यह विश्वविद्यालय ज्ञान के साथ-साथ भारत की आत्मा को भी पोषित करेगा, जहाँ से निकलने वाले विद्यार्थी न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को दिशा देंगे।

विकसित भारत संकल्प संस्थान, जो “यूथ फॉर नेशन” के 17 वर्षों के राष्ट्र सेवा आधारित अनुभव और प्रेरणा से जन्मा है, आज एक ऐसा मंच बन चुका है जो जनता के द्वारा, जनता के लिए समर्पित है। “सेवा ही संकल्प, संस्कार ही समर्पण” को ध्येय वाक्य बनाकर, यह संस्थान शिक्षा, सुरक्षा, सेवा, संस्कार, स्वास्थ्य और स्वावलंबन जैसे छह महान उद्देश्यों के साथ भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। संदीप चौधरी के नेतृत्व में अब इस संस्थान को नई ऊर्जा, दिशा और वैश्विक दृष्टिकोण प्राप्त हुआ है।

इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक एवं वैचारिक पथप्रदर्शक डॉ. महेश शर्मा, जो स्वयं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं भारत के सांस्कृतिक नवोत्थान के प्रमुख शिल्पकार हैं, ने स्पष्ट कहा कि यह विश्वविद्यालय केवल भवनों का समूह नहीं, बल्कि एक “राष्ट्र निर्माण तीर्थ” होगा, जहाँ से निकलने वाला हर विद्यार्थी भारत की आत्मा और विश्व की जरूरतों को समझते हुए मानवता की सेवा करेगा।

इस भव्य समारोह के दौरान आयोजित ‘कर्मवीर सम्मान समारोह’ में, समाज सेवा, शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक चेतना के क्षेत्र में कार्यरत कई सम्मानित व्यक्तित्वों को मंच से सम्मानित किया गया। कर्मवीरों को प्रशस्ति पत्र भेंट कर संस्था ने उनकी निस्वार्थ सेवाओं को सराहा और प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया।

यह क्षण केवल एक पद की घोषणा नहीं, बल्कि भारत के एक नई दिशा में आगे बढ़ने की शपथ थी — जहां परंपरा और प्रौद्योगिकी, सेवा और संकल्प, शिक्षा और संस्कार एक साथ मिलकर विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने हेतु एक सशक्त नींव रख रहे हैं।

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