जयपुर। लंबे समय से घुमंतू समाज तथा कच्ची बस्ती के नागरिकों के वर्तमान में कई वर्षों से रह रहे स्थान में पट्टे तथा आवास बनाकर देने की मांग को लेकर संघर्षरत भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी ने इस बार लोकसभा चुनाव में कच्ची बस्ती मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करते हुए पत्ता नहीं तो वोट नहीं अभियान की घोषणा की हैं। जहां सोमवार को जयपुर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त को ज्ञापन देते हुए भारत जोड़ो मिशन सोसायटी तथा बाबा रामदेव नगर विकास समिति के पदाधिकारी ने आरोप लगाया है कि 1987 में सरकार द्वारा बसाई गई कच्ची बस्ती की भूमि पर जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से साठ- गांठ कर भू-माफिया वहां बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बना ली,जबकि कच्ची बस्ती वहीं पर उसी हाल में है। इसी चलते सोमवार को बाबा रामदेव नगर गुर्जर की थड़ी के रहने वाले लोगों ने पट्टे तथा आवास बनाकर देने की मांग को लेकर सरकार से मांग करते हुए धरना- प्रदर्शन किया।
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भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के अध्यक्ष अनीष कुमार ने बताया कि उनका संगठन विगत तीन वर्षों से इस दिशा में संघर्ष कर रहा है और पिछले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात करने के बाद घुमंतू तथा गरीब नागरिकों को लंबे समय से बसे हुए स्थान पर ही पट्टे देने की मांग को लेकर बीजेपी का समर्थन किया था। ग्रामीण क्षेत्र में तो बीजेपी सरकार ने रियायती दर पर घुमंतू समाज को पट्टे देने के आदेश दे दिए हैं लेकिन शहर में कच्ची बस्तियों में रहने वाले घुमंतू समाज के नागरिक तथा गरीब लोग देश की आजादी के बाद से इस बाद हाली के जीवन में जी रहे हैं। बाबा रामदेव नगर गुर्जर की थड़ी के नागरिकों ने भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के पदाधिकारी के साथ मिलकर जयपुर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त जॉन 5 से मुलाकात कर गुर्जर की थड़ी स्थित अरबो रुपए की भूमि पर से भू-माफिया को बेदखल कर सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर बाबा रामदेव नगर के सीमांकन की मांग की गई है।
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बाबा रामदेव नगर विकास समिति के अध्यक्ष प्रेम कोली एवं अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी गोपाल गुजराती तथा रोड़ी देवी ने बताया कि प्रदेश भर की कच्ची बस्तियों की तरह ही उनकी कच्ची बस्ती भी बीजेपी और कांग्रेस तथा अन्य दलों के बीच में सिर्फ चुनावी माध्यम बनकर रह गया है । दल जीतने के बाद इन कच्ची बस्तियों की तरफ देखते भी नहीं है। ऐसे में हमें मजबूरी में इस बार भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के आंदोलन आवास का स्थाई समाधान और पेट नहीं तो वोट नहीं में शामिल होकर अपनी मांग उठानी पड़ रही है। पदाधिकारी ने बताया कि यह आंदोलन अब तब ही समाप्त होगा जब सरकार और राजनीतिक दल कच्ची बस्ती के स्थाई समाधान को अपने घोषणा पत्र और घोषणाओं में प्रमुख मुद्दा बनाएगी और उसे लागू करेंगे। इस दौरान प्रेम नेताजी,नंदू,ग्यारसी,विक्रम, भूरी,सीता,,मदना,शकुर,मंगू सहित अन्य काफी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद रहे।