जर्जर हुए मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए संकल्प यात्रा

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Sankalp Yatra for reconstruction of dilapidated temples ​
Sankalp Yatra for reconstruction of dilapidated temples ​

जयपुर। शहर और प्रदेश में कई ऐसे मंदिर है जो जर्जर हो चुके है, और कई मंदिर ऐसे भी है जिन्हे कोई जानता भी नहीं है। सरकार ने ऐसे मंदिरों की कोई सुध नहीं ली और देखरेख के अभाव से वो छींण हो चुके है। जब कि उनका इतिहास इतना जबदस्त है कि उनको आसानी से पर्यटक स्थल भी बनाया जा सकता है और हर उम्र के लोगों को उनके इतिहास से रूबरू कराया जा सकता है।

आचार्य हिमानी शास्त्री ने बताया कि मैत्रेय संस्थान व हिंदू मंदिर उत्थान एवं पुननिर्माण ट्रस्ट की ओर से शुरू होने वाले अभियान का शनिवार को पोस्टर विमोचन किया। इस मौके पर गोविंद पारीक ,ब्रह्म शक्ति संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल द्विवेदी,मालवीय नगर मंडल के महामंत्री घनश्याम भार्गव आदि मौजूद रहें।

33 जिलों में जाएगी यात्रा

ये संकल्प यात्रा राजस्थान के 33 जिलों में जाएगी। यात्रा के दौरान उन प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों को गोद लिया जाएगा। जिनका मूल स्वरूप समाप्त हो चुका है और अब उनके केवल अवशेष मात्र बचे है। यात्रा पूरे देश में भी जाएगी और प्रदेश के बाद पूरे देश में ऐसे मंदिरों को गोद लेकर उनका उदाधर किया जाएगा।

मंदिर व देव प्रतिमाओं की विशेषज्ञ आचार्या हिमानी शास्त्री ने बताया, कि भारत में अनेक ऐसे मंदिर हैं, जिनकी कोई देखरेख नहीं हो रही और न ही उनके इतिहास को जानने का प्रयास किया जा रहा है। संकल्प यात्रा से उनके इतिहास को पुनर्जीवित कर पूरे देश मे इन स्थानों के प्रति जागरूकता और पर्यटन बढ़ाया जाएगा।

ये विशेष मोटिव होंगे यात्रा में शामिल

देश के सभी प्राचीन मंदिरों का इतिहास लेखन कार्य व उनके पुनरूथान -पुननिर्माण कार्य और मंदिरों के दस्तावेज को डिजिटल किया जाएगा। साथ ही सभी प्राचीन व छोटे मंदिरों का भी उद्धार किया जाएगा। ऐसे में मंदिरों के नवीनीकरण के लिए ट्रस्ट की स्थापना की गई है। जिसका मक्शत मंदिरों को नई तकनीक से सुसज्जित करना और उनके इतिहास और स्वरूप को उनके वास्तविक रूप में स्थापित करना है।

दूसरी ओर इस अभियान के जरिए देवालयों को उपासना, सेवा और भारतीय कला का केंद्र बनाना जाएगा तो मंदिर के पुनर्निर्माण व देवस्थान पर सामाजिक भागीदारिता बढ़ाने के लिए मंदिरों में प्राचीन सांकृतिक विधाओं व कलाओं की शिक्षा और दीक्षा की व्यवस्था कार्यकारिणी बनाया जाएगा।

योग व आसन का नि:शुल्क प्रशिक्षण

इन सभी कार्यों के साथ ही मंदिर परिसर में ही योग व आसनों का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे नई जनरेशन भी आसानी से सनातन से जुड़ सकेगी।

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