जयपुर। आषाढ़ कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी व्रत 14 जून शनिवार को हैं । इस दिन भगवान गणेश और चौथ माता की पूजा विधिपूर्वक की जाती हैं । आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि इस बार चतुर्थी व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। जून माह की संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाएगा । इस दिन भगवान श्रीगणेश के साथ चंद्रदेव की विशेष पूजा की जाती हैं । यह व्रत विशेष रूप से माताएं अपनी संतान की सुख-समृद्धि,आरोग्य और दीर्घायु के लिए रखती हैं ।
आषाढ़ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ शनिवार को दोपहर बाद 3:48 पर होगा और भगवान गणेश के साथ चौथ माता की पूजा शाम 3:52 से 5:35 तक,रात्रि में 7:17 से 8:34 तक होगी और चंद्रोदय रात्रि में 10 बजकर 6 मिनट पर होगा। इस पावन अवसर पर गणेश जी को मोदक का भोग लगाया जाता हैं। मोदक चढ़ाने से बुद्धि,समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं।