जयपुर। श्री शुक सम्प्रदाय पीठाधीश छोटे दादा गुरुदेव श्री रसिक माधुरी शरण महाराज के 127 वें जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में श्री शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में गुरुवार से अखंड हरिनाम संकीर्तन का शुभारंभ हुआ।
अब सात दिन तक लगातार बिना कोई विश्राम किए दिन-रात संकीर्तन किया जाएगा। सात दिन के 84 घंटे के दौरान करोड़ों की संख्या में नाम जप किए जाएंगे। गुरुवार को प्रारंभ में श्री ठाकुर जी सरकार श्री राधा सरस बिहारी जू सरकार की नित्य सेवा-पूजा की गई। उत्सव मण्डप में विराजमान ठाकुर जी महाराज की श्रृंगार आरती की गई। गोविंद देवजी मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी, चांदपोल बाजार स्थित श्रीरामचंद्र जी मंदिर के महंत नरेन्द्र तिवाड़ी, महंत अटल बिहारी ने पूजन कर नाम कीर्तन विधिवत शुभारंभ किया। आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज के प्रवीण बड़े भैया ने माल्यार्पण और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। आचार्य गुरु परम्परा की वंदना और मंगला चरण के बाद षोडश अक्षरीय महामंत्र के साथ हरि नाम संकीर्तन का शुभारंभ हुआ।
वृंदावन और हरि नाम महिमा की पदावलियों का सामूहिक रूप से गायन किया गया। श्री गुरु सब विधि पूरण काम…, सुनो भई नाम की महिमा…, नाम राधे श्याम का जो जन जगत में गा गया, प्रेम भक्ति का परम फल सो ही निश्चय पा गया…जैसे पदों से श्री सरस निकुंज गूंजायमान हो उठा।
इस मौके पर श्री सरस निकुंज को फूल, बांदरवाल, पर्दों से सजाया गया। श्री शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में संकीर्तन का क्रम चार दिसंबर तक चलेगा। विभिन्न वैष्णव जन भक्तिभाव से संकीर्तन करेंगे। दिन में मातृ शक्ति संकीर्तन करेंगी। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि संकीर्तन के दौरान ठाकुरजी और श्रद्धालुओं को ठंड नहीं लगे इसके पूरे इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं के लिए मोटे कालीन की बिछायत की गई है। हवा रोकने के लिए मोटे पर्दे लगाए गए हैं। ठंड बढ़ती है तो हीटर और अंगीठी की सेवा की जाएगी।




















