जयपुर। आराध्य देव श्री गोविंददेवजी मंदिर परिसर में रविवार को भारतीय संस्कृति के अनुसार जन्म संस्कार महोत्सव मनाया गया । युग तीर्थ शांतिकुंज, हरिद्वार के मार्गदर्शन में गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की विद्वानों की टोली ने पूजन और हवन संपन्न कराया गया। मंदिर
महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने ठाकुर श्री राधा गोविंद देव जी, देव माता गायत्री और गुरुसत्ता के समक्ष दीप प्रज्वलित कर महायज्ञ का शुभारंभ किया। देव पूजन के बाद अक्टूबर माह में जन्मे बच्चों और श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्वलित कर एवं पंचतत्व पूजन के माध्यम से अपना जन्मदिन मनाया।
यज्ञाचार्य दिनेश आचार्य ने वैदिक विधि-विधान से गायत्री महायज्ञ एवं जन्मदिन संस्कार सम्पन्न कराते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में जन्मदिन का अर्थ केवल उत्सव नहीं, बल्कि आत्मचिंतन, कृतज्ञता और नवप्रेरणा का अवसर होता है। इस अवसर पर पंचतत्वों — पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश — के महत्व की जानकारी दी गई। इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक जन्मदिन संस्कार को पुनर्जीवित करना है, ताकि केक काटने और मोमबत्ती बुझाने के स्थान पर दीप प्रज्वलित कर भगवान की आराधना की परंपरा को फिर से घर-घर तक पहुंचाया जा सके।
कार्यक्रम के अंत में जन्मदिन मनाने वाले व्यक्तियों का मानवीय गौरव सम्मान के रूप में अभिनंदन किया गया तथा विशेष उपहार प्रदान किए गए। लोगों ने अपने जन्मदिन पर दीप जलाने, देव पूजन करने, घर के सभी बड़े बुजुर्गों के चरण स्पर्श करने, अधिक से अधिक पेड़ लगाने और अपना जन्मदिन हर बार भारतीय संस्कृति के अनुसार बनाने का संकल्प लिया।