जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की भूमि अधिग्रहण नीति के विरोध में चल रहा नींदड़ बचाओ आंदोलन अपने 340 वें दिन में प्रवेश कर गया। आंदोलन के दौरान किसानों, युवाओं और महिलाओं ने एक बार फिर अपनी जमीन बचाने का संकल्प दोहराया।
आंदोलन का नेतृत्व डॉ. नगेंद्र सिंह शेखावत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नींदड़ की जनता पिछले 340 दिनों से लगातार अपने हक और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
“हम अपनी जमीन नहीं देंगे, चाहे संघर्ष कितना भी लंबा क्यों न हो,” उन्होंने दृढ़ स्वर में कहा। धरना स्थल पर ग्रामीणों ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। किसानों का कहना है कि विकास के नाम पर उनकी जमीनें छीनी जा रही हैं, जबकि उन्हें पुनर्वास या मुआवजे की कोई ठोस नीति नहीं दी गई। आंदोलनकारियों ने कहा कि किसानों की आवाज़ अब सत्ता के गलियारों तक पहुँचनी चाहिए।
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं और युवा मौजूद रहे। सबने एक स्वर में कहा कि “हमारा हक, हमारी जमीन, हमारा अधिकार। ”नींदड़ बचाओ आंदोलन ने राज्य में किसान एकता और जनाधिकार की नई मिसाल पेश की है। आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।




















