जयपुर। मूसलाधार बारिश ने जहाँ अजमेर शहर को पानी-पानी कर दिया, वहीं राज्य आपदा प्रतिसाद बल (एसडीआरएफ) ने देवदूत बनकर 176 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाकर एक मिसाल कायम की। यह बचाव अभियान एसडीआरएफ के जवानों की अदम्य भावना और त्वरित कार्रवाई का प्रमाण है।
एसडीआरएफ के कमांडेंट राजेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि 18 जुलाई की शाम अजमेर पुलिस नियंत्रण कक्ष से एसडीआरएफ नियंत्रण कक्ष जयपुर को भारी बारिश के कारण शहर की विभिन्न कॉलोनियों में नागरिकों के फंसे होने की सूचना मिली। इस पर उनके निर्देश पर, एसडीआरएफ ई कंपनी अजमेर की रेस्क्यू टीम ई-01 और ई-02 हेड कांस्टेबल बग्गी मीणा और बजरंग लाल के नेतृत्व में बिना किसी देरी के घटनास्थल के लिए रवाना हो गईं।
पानी में डूबा शहर, बचाव कार्य जारी
रात 8 बजे तक 19 जवानों की टीम आपदा राहत उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुँच गई। टीम कमांडरों ने तुरंत स्थिति का जायजा लिया और बताया कि भारी बरसात के कारण शहर के सभी तालाब और झीलें ओवरफ्लो हो गई हैं। सुभाष नगर कॉलोनी, सागर विहार, वन विहार कॉलोनी, ईदगाह कॉलोनी, वैशाली नगर, आम तालाब, गुलाब बाड़ी जैसे इलाकों में 03 से 04 फीट पानी भर गया था, जिससे बड़ी संख्या में नागरिक फंसे हुए थे।
रात भर चला अथक अभियान:
टीम कमांडरों के निर्देशों पर जवानों ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। शिवराज, रामचरण, कैलाश, राजूराम, रतन सिंह, गोवर्धन, पवन कुमार, चम्पा, हनुमानराम, रामनिवास, धर्मेन्द्र, रामदेव, हंसराज, सुखराम, सुनिता, रामलाल और अर्जुन राम जैसे जांबाज जवानों ने बिना रुके, बिना थके 18 जुलाई की रात से लेकर 19 जुलाई की शाम तक अजमेर शहर की विभिन्न कॉलोनियों में फंसे कुल 176 नागरिकों को सकुशल बचाया।
मुख्य बचाव कार्य:
आदर्श नगर थाने के अंतर्गत सुभाष नगर कॉलोनी से एक महिला और एक पुरुष को, क्रिश्चियनगंज थाने के अंतर्गत वैशाली नगर से 17 नागरिकों जिसमे 07 पुरुष, 08 महिला और 02 बच्चे शामिल है, को बचाया गया।
अलवर गेट थाने के अंतर्गत आम का तालाब और गुलाब बाड़ी से कुल 38 नागरिकों जिनमे 06 पुरुष, 21 महिला और 11 बच्चे, जबकि क्रिश्चियनगंज थाने के अंतर्गत सागर विहार, वन विहार और ईदगाह कॉलोनी से कुल 119 नागरिकों जिनमे 36 पुरुष, 66 महिला और 17 बच्चे थे, को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया।
एसडीआरएफ की दोनों रेस्क्यू टीमों ने पिछले 20 घंटों में कुल 176 नागरिकों को नया जीवन दिया। रेस्क्यू टीमें अब भी शहर के विभिन्न स्थानों पर नागरिकों को बचाने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं। यह अभियान एसडीआरएफ के सेवा, सुरक्षा, सहायता के आदर्श वाक्य को साकार करता है।