जयपुर। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में मंगलवार को राधे राधे, राधे कृष्ण के साथ श्रीराम जय जय राम का जयघोष भी गूंजायमान रहा। गोविंद देवजी मंदिर के पूर्व महंत श्रील गोस्वामीपाद प्रद्युम्न कुमार जीऊ की पुण्य स्मृति में मंदिर के सत्संग भवन में साढ़े सत्रह अरब हस्त लिखित राम नाम मंत्र की परिक्रमा में राम भक्ति और कृष्ण भक्ति…त्रेता और द्वापर युग की धाराओं का मिलन होता दिखा।
श्रद्धालुओं ने सुबह पांच से शाम सात बजे तक 11, 21, 51, 108 परिक्रमा की। परिक्रमा की गिनती के लिए श्रद्धालुओं ने माला और गैजेट का उपयोग किया। पहले दिन करीब दस हजार श्रद्धालुओं ने पांच लाख परिक्रमा की। परिक्रमा के लिए गोविंद देवजी मंदिर दोपहर 12 से पांच बजे तक भी खुला रहा। सामान्य दिनों में इस अवधि में मंदिर का मुख्य द्वार बंद रहता है।
उल्लेखनीय है कि परिक्रमा के लिए सत्संग भवन में राम नाम लिखी पुस्तिकाओं के 700 बंडल रखवाए गए हैं। एक बंडल में एक हजार पुस्तिकाएं है। एक पुस्तिका में 25 हजार राम नाम लिखे हुए हैं। राम नाम धन संग्रह बैंक अजमेर में 135 अरब राम नाम संग्रहित है। अभी साढ़े सत्रह अरब राम नाम की परिक्रमा हो रही है।
गोविंद देवजी मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि श्रद्धालु 13 दिसंबर तक राम महामंत्रों की परिक्रमा कर सकेंगे
सैंकड़ों राम नाम पास बुक जारी:
मंगलवार को अनेक लोगों ने राम नाम लिखने के लिए पुस्तिकाएं प्राप्त की। पुस्तिका से पहले राम नाम बैंक में खाता खोला गया और पासबुक जारी की गई।
राम नाम धन संग्रह बैंक के देशभर में 60 हजार से अधिक स्थाई सदस्य हैं। इस बार राम नाम लिखने के लिए 20 हजार से अधिक पुस्तकें वितरित की जाएगी। हर सदस्य को 84 लाख बार राम नाम लिखने का आग्रह किया जाता है।
रामनवमी पर साल 1987 में मानव मंगल सेवा न्यास, राम नाम धन संग्रह बैंक, अजमेर के सहयोग से यह आयोजन शुरू किया गया। संस्थापक बाल कृष्ण पुरोहित के अनुसार राम नाम धन संग्रह बैंक में 135 अरब से ज्यादा हस्तलिखित राम नाम महामंत्र संग्रह विद्यमान है। राम नाम लिखने वाले भक्तों द्वारा जमा पुस्तकों का रिकॉर्ड भी रखा जाता है।




















