जयपुर। पंचांग के अनुसार इस बार शनि जयंती 27 मई को भक्तिभाव के साथ मनाई जाएगी। ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि देव का जन्म हुआ था। इस बार अमावस्या तिथी 26 मई दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से प्रारंभ होकर 27 मई सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार 27 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि शनि देव को न्याय का देवता माना गया हैं। वे कर्मों के अनुसार फल देते हैं।
शनिदेव की पूजा से रोग,कर्ज और शत्रुओं से मुक्ति मिलती हैं। इस बार शनि जयंती पर कृत्तिका और रोहिणी नक्षत्र के साथ सुकर्मा योग बन रहा हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग भी इस दिन बन रहा हैं। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि उत्तर भारत में शनि जयंती ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाई जाती हैं। दक्षिण भारत में इसे वैशाख माह की अमावस्या को मनाया जाता है। शनि देव,सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया के बेटे हैं। शनि जयंती के दिन सरसों का तेल, काले तिल और अन्य सामग्री से शनि देव की पूजा करते हैं ।