“शिवजन्मोत्सव 2025” : बिड़ला सभागार में शिवाजी जयंती मनाई गई

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"Shivjanmotsav 2025": Shivaji Jayanti celebrated in Birla Auditorium

जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि शिवाजी ने भारत में नीतिपूर्वक राज्य ही नहीं किया बल्कि प्रजा हित में उन पर लगने वाले करों का सरलीकरण किया और खेती को बढ़ावा देते हुए राष्ट्र समृद्धि के लिए कार्य किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी राष्ट्र स्वाभिमान के अप्रतिम वह मराठा शासक थे, जिन्होंने मुगलों को चुनौती देते हुए उनका वीरता से मुकाबला किया।

राज्यपाल बुधवार को बिड़ला सभागार में राष्ट्रीय शिवजन्मोत्सव में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शिवाजी के शौर्य की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने मुगल शासकों के धर्मांतरण को रोकने के साथ ही अन्याय और अनाचार रोकने में महती भूमिका निभाई।

राज्यपाल ने कहा कि धर्मांतरण नहीं करने पर गुरु गोबिंद देव के पुत्रों जोरावर सिंह और फतेहसिंह को दीवार में चिनवा दिया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति पर निरंतर हमले हुए पर शिवाजी जैसे वीरों के कारण संस्कृति और स्वाभिमान बचा रहा। उन्होंने लार्ड मैकाले द्वारा भारत में अंग्रेजी शिक्षा के जरिए इतिहास की विकृत जानकारियां पढ़ाए जाने की चर्चा करते हुए कहा कि देश की संस्कृति संरक्षण के साथ बच्चों की बौद्धिक क्षमता के विकास हेतु सभी मिलकर कार्य करें।

इससे पहले राज्यपाल बागडे ने शिवाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण की और उनके आदर्शो का स्मरण किया। इससे पहले जयपुर में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती पर भव्य भगवा रैली निकाली गई।

शिवाजी महाराज की मूर्ति निकली रथ पर सवार

जयंती उत्सव समिति जयपुर के अध्यक्ष सुशील जाधव ने बताया कि शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण शिवाजी महाराज की भव्य मूर्ति रही, जो एक विशेष रूप से सजाए गए रथ पर सवार थी। यह रथ बड़ी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, न्यू गेट, घोड़ा चौक, एमजीडी स्कूल, भगवान दास रोड होते हुए कार्यक्रम स्थल बिड़ला ऑडिटोरियम, सी-स्कीम तक पहुंची। इस दौरान पूरे मार्ग को केसरिया ध्वजों और रोशनी से सजाया गया।

सम्मानित किए गए समाज के गौरवशाली व्यक्ति

इस आयोजन में समाज के उन प्रतिष्ठित नागरिकों, जनसेवकों और विशेष व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने कार्यों से समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह सम्मान युवा पीढ़ी को प्रेरित करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से प्रदान किया ।

राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत करने का संकल्प

इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ एक रैली तक सीमित नहीं है, बल्कि शिवाजी महाराज के विचारों और उनके स्वराज्य के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाना है।

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