श्री रामजानकी महोत्सव: थे तो जीमो बनासा घेवर…

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जयपुर। चांदपोल बाजार स्थित मंदिर श्री रामचन्द्रजी में चल रहे श्री रामजानकी महोत्सव में गुरुवार को कंवर कलेवा, अंगूठी ढूंढऩा, मिजमानी मनोरथ,जनकपुर से विदाई और अयोध्या में चारों दूल्हा- दुल्हन के स्वागत सत्कार के प्रसंग हुए। महत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि शुक्रवार को अवध में पैसारा महोत्सव मनाया जाएगा।

जनकपुर में कंवर कलेवा से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सुबह से ही नेगचार शुरू कर दिए। सबसे पहले जनकपुर वालों ने लाड़ले जवाई श्री राम जी को भवन में प्रवेश करवाया। वहां चरण धुलवाकर आभूषण पहनाए। सखी-सहेलियों ने खूब हंसी ठिठोली की । फिर द्वार छेकई का कार्यक्रम हुआ। मिथिला की नायन ने भी खूब ठिठोली की। मिथला की नायन हे अति चतुर सयानी…ने प्रसंग को साकार किया। एक चांदी की बड़ी परात में चंदन, केसर मिश्रित जल में कमल, गुलाब के पुष्प के साथ सोने की मुद्रिका रखी गई। दूल्हा-दुल्हन को उस मुद्रिका को ढूंढंने की रस्म हुई।

पहले 2 बार सियाजी जीती। फिर एक बार श्री राम जीते। शाम को मिजमानी का मनोरथ हुआ। जनकपुर में अपने जवाई श्री राम को मिजमानी में तरह तरह के पकवान खिलाए गए। थे तो जीमो बनासा घेवर… पद के साथ चार तरह की पूरी, 10 प्रकार के हलवे, कई सब्जियां, अचार रायते, मिठाइयां परोसी गई। इसके बाद गारीबाजी का कार्यक्रम हुआ। मिथला पुर वालों ने अयोध्या वालों को पद गायन में गारीबाजी सुनाई। राजा दशरथ की तीन पटरानी,तीनों ही बारा जोबन जोर…, नवरंग गारि गावां, सियावर जीके लाड़ लड़ावा…जैसे पद गाए गए।

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