अपरा एकादशी को सजा श्याम बाबा का दरबार :लखदातार की सजी फूलों की नौका विहार झांकी

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जयपुर। म्हारे घरा पधारो श्याम संस्था द्वारा एकादशी के उपलक्ष में श्याम पार्क 113 सेक्टर अग्रवाल फार्म में श्याम भजन संध्या आयोजित की गई । संस्था के अध्यक्ष रतन कट्टा ने बताया कि बाबा श्याम का अनुपम श्रृंगार कर नौका विहार की झांकी सजा कर शीतलता प्रदान करने वाले फलों का भोग लगाया । भजन संध्या मे ऐलनाबाद से बाबा श्याम का शीश एकादशी के उपलक्ष में श्याम पार्क में पधारे ।

बाबा के शीश की पूजा मंडल परिवार के द्वारा की गई । पूजा अर्चना के बाद लखदातार का विशेष फूलों से श्रृंगार कर दरबार सजाया । पूरे श्याम पार्क को झंडे बैनर श्याम पताकाओ से सजाया गया । बाबा श्याम की ज्योत प्रज्वलित कर गणेश वंदना के साथ भजनों का शुभारंभ हुआ । भजन गायक गोपाल सैन, मनीष शर्मा, कोलकाता के सागर शर्मा, जयपुर के नामी भजन गायको ने बाबा के समक्ष मीठे मीठे भजनों से अपनी हाजरी लगाई । भजन संध्या में इत्र वर्षा पुष्प वर्षा भक्तों द्वारा की गई । इस मौके पर बाबा श्याम के छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई ।

श्री श्याम प्राचीन मंदिर मे सजी जलविहार झांकी

श्री श्याम प्राचीन मंदिर कावटियो का खुर्रा रामगंज बाजार मंदिर महंत पंडित लोकेश मिश्रा के सानिध्य में मासिक एकादशी अरदास कीर्तन आयोजित किया गया । जिसमे जल विहार उत्सव मनाया गया। लड्डू गोपाल और बाबा श्याम की जलविहार झांकी सजाई गई । बाबा श्याम और लड्डू गोपाल का मोगरे के विशेष फूलों से श्रृंगार हुआ । लड्डू गोपाल को भक्तों ने जल विहार करवा कर विशेष पूजा अर्चना की । ग्रीष्म ऋतु के फलों आम तरबूज लीची कुल्फी कई प्रकार के ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया ।

भक्तों द्वारा बाबा श्याम और लड्डू गोपाल की महाआरती के पश्चात भजन संध्या का शुभारंभ हुई । श्री श्याम गोपाल मंडल समिति और श्याम भक्तों द्वारा बाबा श्याम को मीठे मीठे भजनों से रिझाया। भजन संध्या में भक्तों के द्वारा इत्र वर्षा पुष्प वर्षा की गई । महंत पंडित लोकेश मिश्रा ने श्याम सेवी संस्थाओं का स्वागत सत्कार किया एकादशी अरदास कीर्तन के सदस्य शालू मिश्रा अध्यक्ष -श्री कृष्ण, श्याम सखा ग्रुप राधा महेश्वरी,गजेंद्र शर्मा,कमल अग्रवाल,मोहित अग्रवाल, अनिल मोदी रमेश कुमावत, यश अग्रवाल सभी सदस्य मौजूद रहे। पूरे मंदिर परिसर को श्याम बाबा की ध्वज पताकाओ से सजाया। भजन संध्या में मुख्य अतिथि सांवरिया सेठ लखदातार का गुणगान हुआ ।

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