जयपुर। गुरुद्वारा हीदा की मोरी रामगंज में 3 दिन से चल रहे श्री अखंड पाठ साहब के भोग उपरांत आज 39वां महान गुरमत समागम की शुरुआत की गई। शुक्रवार सुबह गुरुद्वारे के पास में ही खंडेलवाल स्कूल के प्रांगण में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश किया गया उसके उपरांत कीर्तन दीवान सजाया गया।
कीर्तन दीवान में सबसे पहले भाई हरजीत सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा हीदा की मोरी ने “गुण गांवा दिन-रात” शबद गाया। उसके बाद में भाई पवनदीप सिंह जी कानपुरी ने “प्रभ बाणी सबदु सुभाखिआ”, एवं “हे गोविंद हे गोपाल हे दयाल लाल” शबद बाणी गायी। इनके बाद बीवी जसप्रीत कौर पटियाला ने “सुणी अरदास स्वामी मेरे सरब कला बणि आई” और “मेरा वेद गुरु गोविंदा” अंत में भाई करतार सिंह जी बाजपुरी दिल्ली ने “राजु न चाहउ मुकति न चाहउ मनि प्रीति चरण कमलारे” एवं “इक अरदासि हमारी सुआमी विसरु नहीं सुखदाते” शब्द गाकर संगत को निहाल किया।
भाई हरबन सिंह कथावाचक ने अपनी कथा में बताया कि वाहेगुरु भगवान अल्लाह एक ही है। शनिवार को श्री अकाल तख्त साहब के जत्थेदार सिंह साहब ज्ञानी कुलदीप सिंह जी गडगज्ज भी आ रहे हैं।
गुरुद्वारा हीदा की मोरी के प्रधान सरदार सुच्चा सिंह ने बताया कि शनिवार के दीवान में सबसे पहले सुबह 7 से 9 भाई गुरदेव सिंह जी ऑस्ट्रेलिया द्वारा आसा दी वार का पाठ किया जाएगा। शनिवार को दीवान में भाई सरबजीत सिंह पटना साहिब, भाई रविंद्र सिंह जी हजूरी रागी, श्री दरबार साहिब, भाई जगजीत सिंह बबीहा दिल्ली, बीवी जसप्रीत कौर पटियाला, भाई पवनदीप सिंह कानपुर, भाई करतार सिंह बाजपुरी दिल्ली, भाई गुरदेव सिंह आस्ट्रेलिया, ज्ञानी हरबन सिंह कथा वाचक अलवर गुरु की बाणी से संगत को निहाल करेंगे।
उन्होंने बताया कि शनिवार तक सभी रागी जत्थे जयपुर पहुंच जायेंगे और 20 सितंबर को दोपहर 1:00 बजे अमृत संचार का भी कार्यक्रम किया जाएगा। सभी दीवानों में गुरु का अतुट लंगर वरताया जाएगा। जयपुर शहर के अलावा राजस्थान और पूरे भारत से आने वाली संगत के लिए रहने की भी व्यवस्था की गई है।