May 1, 2025, 1:32 am
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सिंधु दर्शन यात्रा- 2025 का आयोजन आगामी 5 से 8 जून को लेह लद्दाख में

जयपुर। सिंधु सभा के तत्वावधान में आयोजित होने वाली सिंधु दर्शन यात्रा-2025 को लेकर गुरुवार देर शाम ऑन लाइन बैठक का आयोजन किया गया। इस ऑनलाइन बैठक में लेह लद्दाख में होने वाली सिंधु दर्शन यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रुप दिया गया। ऑनलाइन बैठक में तीर्थ यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक सुरेन्द्र लछवाणी, राष्ट्रीय महामंत्री राजेश वाधवाणी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र तीर्थाणी, राजस्थान प्रभारी मुकेश लखवाणी सहित अन्य प्रदेशों के पदाधिकारी व यात्रा समिति पदाधिकारी उपस्थित हुए।

प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने बताया सिंधु दर्शन यात्रा-2025 का भव्य आयोजन आगामी 5 से 8 जून को लेह लद्दाख में किया जाएगा। सिंधु दर्शन यात्रा में पंजीयन करवाने की अंतिम तिथि 30 अप्रेल तय की गई है। यह पंजीयन भारतीय सिंधु सभा की जिला इकाइयों पर कराया जा सकता है।

प्रदेश प्रभारी मूलचंद बसंताणी ने बताया कि 5 से 8 जून तक लेह में सिंधु नदी के घाट पर सिंधी संस्कृति और लद्दाखी संस्कृति के सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि लेह में सिंधु भवन बना हुआ है। जहां इन सभी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इस समारोह में देश भर से संत,महात्मा,व संगठन के पदाधिकारियों सहित आमजन भी शामिल होंगे।सिंधु माता के दर्शन,सिंधु घाट पर स्नान व पूजन ,बहिराणा पूजन,हवन यज्ञ के भव्य आयोजन होंगे। इसी के साथ अलग-अलग प्रदेशों से आए सांस्कृतिक दल अपनी मनमोहन प्रस्तुति देंगे।

प्रदेश महामंत्री ईश्वर मोरवाणी ने बताया कि यात्रा में शामिल होने के लिए सड़क एवं वायु मार्ग विकल्प अति उत्तम है। जो भी श्रद्धालु वायु मार्ग से यात्रा करके लेह पहुंचना चाहता है वो 5 जून सुबह लेह पहुंचेगा और 5 से 8 जून के धार्मिक आयोजनों में शामिल होकर लेह भ्रमण के पश्चात 9 जून सुबह रवानगी लेगा। सड़क मार्ग से आने वाले श्रद्धालु जम्मू,लेह,चण्डीगढ और जम्मू लेह मार्ग से होते हुए 31 मई को पहुंचकर 12 जून तक अपनी यात्रा समाप्त करेंगा।

सड़क मार्ग से इन बीच के रास्तों से भी श्रद्धालु अपनी दर्शन यात्रा में शामिल हो सकते है। समिति की बैठक में प्रमुख प्रबंधकों व कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न चर्चाएं हुईं,जिसमें प्रमुख रूप से यात्रा मार्ग, परिवहन, आवास व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सभी सामाजिक संगठनों के जुड़ाव आदि विषयों पर चर्चा की गई।

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