शिव और सिद्ध योग में मनाई जाएगी सोमवती अमावस्या

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जयपुर। सोमवार को भाद्रपद मास की अमावस्या है सोमवार को अमावस्या तिथि पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन पितरों को तर्पण करना बहुत शुभ माना जाता है। इस तिथि पर पितरों का तर्पण करने से उन्हे मुक्ति मिलती है।

ज्योतिषचार्य राजेंद्र शास्त्री के बताए अनुसार पंचांग के अनुसार भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर सुबह 5 बजकर 21 मिनट पर शुरु होगी और इसका समापन 3 सितंबर सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर होगा। इसलिए भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर को मनाई जाएगी।

सूर्योदय से लेकर शाम तक रहेगा शिव योग

सोमवती अमावस्या को सुबह सूर्योदय से लेकर शाम 6 बजकर 20 तक शिव योग रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग शुरु होगा। सिद्ध योग में शिव पूजा करने का विधान है। सिद्ध योग में शिव जी की पूजा करने से अक्षत फलों की प्राप्ति होती है और मानसिक परेशानी दूर होती है। बिगड़े काम बनने लगते है।

पवित्र नदियों में स्नान का है विशेष महत्व

पितरों को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या के दिन पवित्र सरोवरो में स्नान करने का भी विशेष महत्व है। इसदिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पितर प्रसन्न होते है। अगर किसी कारण जातक पवित्र नदी में स्न्नान नहीं कर सकता तो नहाने के जल में गंगा जल मिलाकर नहाने से भी नदी में स्नान करने जितना पुण्य मिलता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

अगूठे से अर्पण करना चाहिए पितरों को जल

किसी भी अमावस्या को पितरों को जल और भोग अर्पण करने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हथेली में जल लेकर अगूठे से पितरों को जल अर्पण करना चाहिए । ऐसे ही पितरों भोग अर्पण करने से पहले दोनो ओर डाब से तीर की आकृति बनाकर रखनी चाहिए और उसक बीच में ही भोग अर्पण करना चाहिए।

पीपल पर काले तिल मिलाकर जल चढ़ाए

पितर अमावस्या के दिन जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा में उसे अर्पण करने से भी पितर प्रसन्न होते है। इसी के साथ पीपल के वृक्ष में मीठा जल चढ़ाने ओर दीपक जलाने ओर उसकी परिक्रमा करने से भी पितर प्रसन्न होते है।

करे ये विशेष उपाय

अमावस्या के दिन काले तिल को आटे में मिलाकर उसकी रोटी बनाए और गाय को खिलाएं, ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते है और घर में सुख- समृद्धि आती है। इसदिन आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाने से भी कई परेशानी खत्म होती है। अमावस्या के दिन गरीबों को दान करे।ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। दूध में अपनी छाया देकर कुत्ते को पिलाने से मानसिक तनाव दूर होता है और शत्रुओं से छुटकारा मिलता है। आटे में शक्कर मिलाकर चीटियों को खिलाने से सुख-समृद्धि आती है। गायों को हरा चारा खिलाने से भी पितर प्रसन्न होते है।

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