जयपुर। मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) जयपुर ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज करते हुए भारतीय ज्ञान प्रणाली उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन एपीजे अब्दुल कलाम हॉल वीएलटीसी में किया। इस केंद्र का उद्देश्य भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं को आधुनिक शिक्षा,अनुसंधान और नवाचार से जोड़ना है। कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु श्री रविशंकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जिनकी उपस्थिति ने समारोह में आध्यात्मिक प्रेरणा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत विशिष्ट अतिथियों के आगमन के साथ हुई। इसके बाद स्वामी विवेकानंद और मां सरस्वती की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। स्वागत भाषण में प्रो. एन. पी. पाढ़ी, निदेशक, एम.एन.आई.टी. जयपुर में आईकेएस केंद्र की स्थापना के पीछे की दृष्टि को साझा किया।

उन्होंने बताया कि यह केंद्र बहु-विषयक शिक्षण एवं अनुसंधान को बढ़ावा देते हुए भारतीय पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को आधुनिक वैज्ञानिक विचारों और तकनीकी प्रगति से जोड़ने का माध्यम बनेगा। इसके बाद डीन (एकेडमिक अफेयर्स) द्वारा केंद्र का औपचारिक उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर आईकेएस बुकलेट का लोकार्पण भी किया गया, जिसमें केंद्र के उद्देश्यों, अनुसंधान विषयों और भविष्य की योजनाओं का विस्तृत विवरण शामिल है।
अपने संबोधन में गुरुदेव श्री रविशंकर ने भारतीय ज्ञान प्रणालियों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह ज्ञान शांति, जागरूकता एवं समग्र मानव विकास को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि संस्कृति और मूल्य-आधारित शिक्षा मन की स्पष्टता और भावनात्मक दृढ़ता विकसित करती है। समारोह का समापन डीन (छात्र कल्याण) द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने गुरुदेव, अतिथियों, संकाय सदस्यों, छात्रों और आयोजन टीम को कार्यक्रम की सफलता के लिए धन्यवाद दिया।




















