जयपुर। हर कहानी के पर्दे पर आने से पहले, वो कलाकारों की रूह में उतरती है। वो किरदार, जो सिर्फ स्क्रिप्ट पर लिखा होता है, असल में तब जागता है जब कलाकार उसे जीने लगते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ जब ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी’ की टीम राजस्थान की रूह जयपुर पहुंची। स्थानीय संस्कृति को करीब से जानने, बींदणीयों के संघर्ष को समझने से लेकर स्वादिष्ट राजस्थानी थाली के साथ दिलों का मेल करने तक आकाश जग्गा, गौरी शेलगांवकर और मोनिका खन्ना के लिए यह जयपुर यात्रा एक भावुक कर देने वाला यादगार अनुभव बन गया।
यह शो राजस्थान के एक छोटे से गाँव की एक जिंदादिल और साहसी लड़की घेवर की कहानी पर आधारित है। माँ-बाप के देहांत के बाद, उसका पालन-पोषण बड़े भाई और भाभी ने बड़े प्यार से किया। लेकिन ज़िंदगी तब एक अनचाहा मोड़ लेती है, जब क़िस्मत उनकी चौखट पर एक नवजात शिशु को लाकर खड़ा कर देती है।
एक ऐसा बच्चा, जो दो बिल्कुल अलग जिंदगियों को आपस में जोड़ता है। उम्मीद, दर्द और छिपे हुए राज़ के इस तूफ़ान में घेवर खुद को एक ऐसी कहानी में फंसा पाती है जहाँ वादे, त्याग और एक स्त्री का अपने प्यार और अपने रिश्तों को बचाने का संघर्ष छिपा है। यह सिर्फ उसकी कहानी नहीं,बल्कि हर उस नारी की कहानी है जो परंपरा की चुनरी ओढ़कर भी अपने अधिकार और आत्मसम्मान की लड़ाई पूरी शिद्दत से लड़ती है।
शो में घेवर का किरदार निभा रही गौरी शेलगांवकर ने जयपुर यात्रा को एक बेहद सुंदर अनुभव बताते हुए कहा,”यह मेरी पहली राजस्थान की यात्रा है और मैं दिल से आभारी हूँ कि इस शो ने मुझे इस खूबसूरत धरती को देखने का मौका दिया। जयपुर में मुझे वह समृद्ध संस्कृति देखने को मिली, जिसके बारे में मैं अबतक सिर्फ सुनती आई थी। सबसे खास बात यह रही कि मुझे कुछ रियल लाइफ बींदणियों से मिलने का अवसर मिला।
जब मैंने उनकी कहानियाँ सुनीं, तो वे मेरे दिल को छू गई। ऐसा लगा मानो वे सचमुच वही जीवन जी रही हैं, जिसे मैं अपने किरदार ‘घेवर’ के ज़रिए परदे पर दिखा रही हूँ। इस अनुभव ने मेरे और मेरे किरदार के बीच एक खास रिश्ता बना दिया। उनकी यात्रा ने मुझे अपने अभिनय में और अधिक सच्चाई और संवेदना लाने की प्रेरणा दी है।
मैं खुद को बेहद सौभाग्यशाली मानती हूँ कि मैं ऐसे शो का हिस्सा हूँ जो न केवल राजस्थान की रंग-बिरंगी परंपराओं का उत्सव मनाता है, बल्कि उन घूँघट के पीछे छुपी महिलाओं की अनकही शक्ति को भी सामने लाता है। उनके जीवन को नज़दीक से देखकर, उनकी खामोश हिम्मत को महसूस करके जो भावनाएँ दिल में बसी हैं वो हमेशा मेरे साथ रहेंगी।”
जयपुर में बिताए लम्हों को संजोते हुए कुंदन का किरदार निभा रहे अभिनेता आकाश जग्गा ने कहा,”जयपुर मेरा अपना घर है। यहाँ आना हमेशा से मुझे एक सुकून भरा अहसास देता है। लेकिन इस बार की यात्रा कुछ खास थी, क्योंकि पहली बार मैं अपने सह-कलाकारों के साथ अपने शहर को एक्सप्लोर कर रहा था। बचपन से हर गली, हर मोड़ को जानता हूँ, तो इस बार मैं एक होस्ट बन गया और उन्हें असली ‘स्थानीय अनुभव’ देने की कोशिश की।
यहाँ की ख़ास चीजों को दिखाने से लेकर पारंपरिक राजस्थानी थाली का आनंद उठाने तक यह अनुभव यादों और भावनाओं से भरपूर था। जब मैंने देखा कि वे भी मेरे इस प्यारे शहर और इसके स्वाद के दीवाने हो गए, तो दिल गर्व से भर गया। अपने शहर लौटकर एक ऐसे प्रोजेक्ट के लिए काम करना, जो हमारी संस्कृति को दिखाता है ये सच में मेरे लिए बेहद मायने रखता है।”
जयपुर दौरे को लेकर अपनी उत्सुकता और खुशी जाहिर करते हुए रमकुड़ी का किरदार निभा रही मोनिका खन्ना ने कहा, “मैं पहले भी जयपुर आ चुकी हूँ, लेकिन हर बार का अनुभव बिल्कुल अलग रहा है। इस बार तो कुछ खास ही बात थी, क्योंकि हम यहाँ अपने शो ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी’ के लिए आए थे। यह यात्रा सिर्फ मौज-मस्ती तक सीमित नहीं रही ,मैंने यहाँ बहुत कुछ सीखा भी।
इस शहर को नज़दीक से देखने और समझने से मुझे यहाँ की लोक संस्कृति, भाषा और जीवनशैली की गहराई समझ में आई जो मेरे किरदार से जुड़ने में बहुत मददगार रही।सबसे अच्छी बात ये रही कि हमारे साथ एक सच्चे राजस्थानी आकाश भी थे! उन्होंने हमें राजस्थान का एक ऐसा पहलू दिखाया, जिसे शायद हम खुद से नहीं देख पाते। इसने हमारी जर्नी को और भी खास और यादगार बना दिया।”