जयपुर। परोपकार के प्रकल्प को साथ में लेकर आराध्य देव राधा गोविंद देव जी मंदिर में चल रहे नानी बाई का मायरा का तीसरे दिन रविवार को समापन हुआ। ठाकुर जी सांवरिया सेठ ने अपने भगत नरसी मेहता के मान सम्मान की रक्षा के लिए नरसी जी का मुनीम बनकर नानी बाई का 56 करोड़ का मायरा भरा।
कथा के मुख्य संयोजक चेतन अग्रवाल ने बताया की हजारों की संख्या में भक्तों ने कथा श्रवण की। व्यास पीठ से पंडित उमेश व्यास ने कहा कि कभी भी बेटा बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए। बेटियों को उनके सपनों को पूरा करने का अवसर दें । समाज की बुराइयों से बचाते हुए उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करें ।
बेटियों को आत्मनिर्भर बनाएं । बेटियों को समाज में बदलाव लाने का मौका दें। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या करने पर 1000 गायों का वध का पाप लगता है। धर्म की जड़ आज हरी है तो वह सिर्फ और सिर्फ माता बहन और बेटियों की वजह से है । सौभाग्यशाली होते हैं वह लोग जिनके यहां बेटियां होती है । उन्होंने सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का संदेश देते हुए तिलक और कंठी की धारण करने पर जोर दिया। एक अन्य प्रसंग में उन्होंने कहा कि माता-पिता की सेवा ही भगवान की सेवा है।
समय समय भूखे को अन्न और प्यासे को पानी पिलाने की सेवा भी करनी चाहिए। नर सेवा ही नारायण सेवा है । आज बच्चों को संस्कार देना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि जिन बच्चों को अच्छे संस्कार नहीं मिलते हैं तो उन्हें जीवन में संघर्षों का सामना करना पड़ता है। उनका समाज में कोई खास स्थान नहीं होता। इसलिए माता-पिता अपने बच्चों को धार्मिक संस्कार दें। बच्चों को रोजाना मंदिर भेजें। नींव मजबूत होगी तो परिवार का, समाज का और इस देश का विकास होगा।
नानी बाई मायरो प्रसंग के अनुसार उन्होंने कहा कि ठाकुर जी स्वयं नरसी जी के यहां मुनीम बनाकर के आए। भक्त की भक्ति और निस्वार्थ प्रेम, श्रद्धा भाव, विश्वास के कारण ठाकुर जी ने ऐसा किया। कथा के प्रधान यजमान दिलीप सिंह शेखावत पुष्पा कंवर, मुख्य यजमान रतन लाल अग्रवाल, सुशीला अग्रवाल रहे। पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल, सीकर रोड व्यापार महासंघ अध्यक्ष दिनेश मित्तल सहित कई गणमान्य व्यापारियों ने आरती उतारी।समापन के अवसर पर भंडारा प्रसादी के साथ कथा संपन्न हुई।