जयपुर। जयपुर शहर में मंगलवार को द्विपुष्कर और राजयोग के विशेष संयोग के बीच जलझूलनी एकादशी मनाई गई। शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में विशेष झांकियां सजाई गई है। दोपहर बाद मंदिरों में डोल झांकी निकाली गई। साथ ही वैष्णव सम्प्रदाय के लोगों ने एकादशी का व्रत रखा।
जलझूलनी एकादशी पर्व पर गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुर श्रीजी को नटवर वेश में विशेष श्रृंगार कराया गया है। मंदिर में मंगला झांकी से ही भक्तों की भीड़ रही। मंदिर परिसर राधे-राधे के जयकारों से गूंज उठा। मंदिर में उत्सव सा माहौल नजर आया। ग्वाल झांकी के बाद महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में शालिग्राम जी को खाट पर विराजमान कर मंदिर के दक्षिण पश्चिमी कोना स्थित तुलसी मंच पर ले जाया गया।
पंचामृत से अभिषेक कर आरती की गई। उसके बाद तुलसी मंच की चार परिक्रमा की करवाई गई। उसके बाद पुनः शालिग्राम जी को खाट पर विराजमान करके मंदिर की एक परिक्रमा करके वापस निज मंदिर में लाया गया।
निकली डोल यात्राएं
शहर में मंगलवार को डोल झांकी यात्राएं निकाली गई। फूलों से सजी चौकी या पालकी में शालिग्राम जी और ठाकुरजी को विराजमान कर जयकारे लगाते हुए जलाशय तक ले जाया गया। जगह-जगह लोग डोल यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। जलाशय पर भगवान को स्नान करवाकर वापस गाजे बाजे के साथ मंदिर लाया गया।