
जयपुर। मिलन जवेरी की मस्ती सीरीज की चौथी फिल्म ‘मस्ती 4” का मंगलवार को फिल्म के कलाकारों ने गुलाबी नगर जयपुर में प्रमोशन किया। एमिटी यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के साथ फुल मस्ती के बाद कलाकारों ने राज मंदिर सिनेमाघर में मीडिया से बातचीत की। मस्ती, ग्रैंड मस्ती और ग्रेट ग्रैंड मस्ती के बाद इस फ्रेंचाईजी की पूरी टीम एक बार फिर दर्शकों के सामने मस्ती करने के लिए तैयार है। रितेश देशमुख, आफताब शिवदासानी और विवेक ओबेरॉय की तिकड़ी से सजी ख़ास भूमिकाओं वाली यह फिल्म 21 नवम्बर को रिलीज होने जा रही है।
इस फिल्म की कहानी तीन दोस्तों अमर, मीत और प्रेम की है जो अपनी मैरिज लाइफ से बोर हो जाते हैं और उसके बाद घर के बाहर अफेयर चलाते हैं. उनकी परेशानी तब ज्यादा बढ़ जाती है जब वो किसी क्रिमिनल एक्टिविटी में फंस जाते हैं। इस कहानी में खास यह है कि इस बार तीनों पतियों के साथ उनकी पत्नियों के भी अफेयर दिखाए गए हैं।
रितेश देशमुख ने बॉलीवुड में अच्छा खास नाम कमाया है. 46 वर्षीय रितेश 2003 से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। बड़े पर्दे पर वो निगेटिव रोल में भी नजर आ चुके हैं। उनके पास कुल 120 करोड़ रुपये की संपत्ति है। विवेक ओबेरॉय रईसी के मामले में रितेश और आफताब दोनों से ही बहुत आगे हैं। उनकी नेटवर्थ 1200 करोड़ रुपये के करीब है। फिल्मों के अलावा वो अपने रियल एस्टेट के बिजनेस से भी तगड़ी कमाई करते हैं। विवेक विवेक ने 2002 की फिल्म ‘कंपनी’ से अपना एक्टिंग डेब्यू किया था। उन्होंने मस्ती सीरीज के अलावा कृष 3, साथिया, शूटआउट एट लोखंडवाला और काल जैसी फिल्मों से भी पहचान बनाई।
मिडिया से बात करते हुए रितेश देशमुख ने बताया कि एक सफल और लोकप्रिय फ्रेंचाइजी में काम करना ख़ुशी देता है। उन्होंने कहा, “पब्लिक में हिट फ्रैंचाइज़ी में वापसी एक अनोखा रोमांच लेकर आती है। विवेक और आफताब के साथ काम करना कॉलेज रीयूनियन जैसा लगा। मैं सेट पर बहुत समय से इतना नहीं हँसा था। मिलाप के निर्देशन में, एकदम अप्रत्याशित पागलपन की उम्मीद ही तो रहती है जो यह फिल्म पूरा करने जा रही है।
मीडिया से बात करते हुए विवेक ओबेरॉय ने बताया, एक बार फिर वही पागलपन लेकर हाज़िर हो रहे हैं। मैं अपनी मस्ती ब्रिगेड के साथ चौथे राउंड के लिए वापस आने को लेकर बेहद उत्साहित हूँ! सालों पहले इंद्र कुमार द्वारा इस पागलपन भरे सफ़र की शुरुआत करने से लेकर मिलाप द्वारा इस पागलपन को एक नए स्तर पर ले जाने तक, यह एक पागलपन भरा, हँसी से भरा सफ़र रहा है। हम तीनों के बीच की केमिस्ट्री बिल्कुल जादुई है, और मस्ती 4 तो पूरी तरह से कॉमेडी से भरपूर होने वाली है। सिंगल टिकट में ट्रिपल मस्ती करनी हो तो इस फिल्म को जरुर देखिये|
47 वर्षीय आफताब शिवदासानी बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अव्वल नंबर, चालबाज और इंसानियत जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं. वही बतौर लीड एक्टर उन्हें मस्ती सीरीज के अलावा आवारा पागल दीवाना और हंगामा सहित कई फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं. आफताब ने बताया कि मेरे लिए, मस्ती हमेशा से सिर्फ़ एक फ़िल्म से कहीं बढ़कर रही है – यह दोस्ती, हँसी और परदे पर और पर्दे के पीछे, दोनों जगह सही समय का बंधन है।
तीन दोस्तों की मस्ती से शुरू हुई यह कहानी अब एक ऐसा एहसास बन गई है जिसे दर्शक सालों से संजोकर रखते हैं। मस्ती 4 के साथ वापसी करना उस जादू को फिर से जीने जैसा है, यह एक सुखद याद दिलाता है कि यह सफर क्यों शुरू हुआ था। आफताब शिवदासानी ने फिल्मों में महिलाओं को ‘आइटम’ के रूप में दिखाने और एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर को बढ़ावा देने के दावों का नकार दिया. आफताब ने फिल्म ‘मस्ती 4’ की थीम के बारे में खुलकर बात की और कहा कि यह महिलाओं को ‘आइटम’ के रूप में दिखाने या एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर् को बढ़ावा देने को सामान्य नहीं बनाती।
उन्होने कहा , मस्ती 1 से ही लोगों ने कहा था कि हम महिलाओं को ऑब्जेक्ट बना रहे हैं और विवाहेतर संबंधों को बढ़ावा दे रहे हैं. लेकिन फिल्म का आधार सीधा था. तीन पुरुष बाहर मौज-मस्ती करना चाहते हैं, लेकिन अंत में अपनी पत्नियों से सबक सीखते हैं। हम कभी उपदेश देने की कोशिश नहीं कर रहे थे. यह सब मनोरंजन के लिए है, लोगों को ज्यादा संवेदनशील बनाने के लिए नहीं. कई गंभीर फिल्मों ने अफेयर्स जैसे विषय को उठाया है, लेकिन कोई उन पर सवाल नहीं उठाता।
उन्होंने आगे कहा, ‘मस्ती जैसी फिल्में हंसी-मजाक के लिए बनाई जाती हैं। एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर्स पर कई स्वतंत्र फिल्में बनी हैं, लेकिन जब मस्ती इस पर बात करती है तो बड़ा हंगामा मच जाता है, यह सब मनोरंजन के लिए है, इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
मस्ती 4 में दिखाए गए ‘लव वीजा’ के कॉन्सेप्ट के बारे में पूछे जाने पर, आफताब ने हंसते हुए कहा, ‘मुझे असल मुझे असल जिंदगी में लव वीजा के बारे में नहीं पता। मैं खुशहाल शादीशुदा जिंदगी जी रहा हूं, इसलिए मैं इसके बारे में नहीं सोच रहा। हम इसकी वकालत नहीं कर रहे. यह बस एक मजेदार, काल्पनिक कॉन्सेप्ट है जिसके बारे में कई पुरुष सपने देखते हैं, हालांकि असल जिंदगी में उन्हें इसकी कीमत चुकानी पद सकती है। लेकिन यह फिल्म पूरी तरह से कॉमेडी पर आधारित है और यकीन मानिए, फिल्म में एक बड़ा ट्विस्ट है, जिसका खुलासा मैं अभी नहीं कर सकता।
पहली मस्ती फिल्म लिखने से लेकर चौथी फिल्म के लेखन और निर्देशन तक का एक चक्र पूरा करना किसी भी निर्देशक के लिए अवास्तविक है। मिलन जवेरी ने यह सक्सेस हासिल की है। तीनों कलाकारों की वापसी और कॉमेडी के साथ, मस्ती 4 और भी ज़्यादा हसीं, और भी ज़्यादा बेकाबू हरकतें और एक मज़ेदार सफ़र का वादा करती है. इस हंसी के दंगल में श्रेया शर्मा, रूही सिंह और एलनाज नौरोजी के साथ तुषार कपूर, शाद रंधावा और निशांत मलकानी भी सहायक भूमिकाओं में हैं।
जयपुर मेरे दिल में बसता है
फिल्म अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने जयपुर के स्थापना दिवस पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि “जयपुर सिर्फ़ एक शहर नहीं, बल्कि एक एहसास है, जो हमारे दिल में बसता है।” उन्होंने कहा कि जयपुर की खूबसूरती, यहाँ की विरासत और लोगों का अपनापन उन्हें हमेशा से आकर्षित करता रहा है।
विवेक ओबेरॉय ने बताया कि जब भी वे गुलाबी नगर आते हैं, उन्हें एक विशेष ऊर्जा और सौहार्द का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि “जयपुर की संस्कृति, यहाँ की रौनक और मेहमाननवाज़ी दिल को छू लेने वाली है। हमें जयपुर से गहरा लगाव है और हम दिल से चाहते हैं कि यह शहर अपनी अद्भुत पहचान के साथ विश्व मंच पर और अधिक चमके।”उन्होंने जयपुर वासियों को स्थापना दिवस की बधाई देते हुए शहर की निरंतर उन्नति और समृद्धि की कामना की।



















