लम्पी रोग से गौवंश को बचाने की विभाग की पूरी तैयारी, स्थिति पूर्ण नियंत्रण मेंः पशुपालन मंत्री

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The department is fully prepared to save the cattle from Lumpy disease.
The department is fully prepared to save the cattle from Lumpy disease.

जयपुर। पशुपालन, गोपालन और देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवेदनशील मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार पशुओं के कल्याण के प्रति समर्पित होकर काम कर रही है। कुमावत ने कहा कि लंपी रोग के बारे में किसी भी तरह से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार लंपी रोग के प्रति पूरी तरह सतर्क है और इसकी रोकथाम के लिए सभी एहतियाती कदम उठा रही है।

पशुपालकों को इस बीमारी से भयभीत होने की कोई जरूरत नहीं है, विभाग अपना काम पूरी मुस्तैदी से कर रहा है और जहां भी कुछ ऐसे केस मिल रहे हैं वहां तुरंत सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। इस वर्ष अन्य राज्यों से सटे सीमावर्ती जिलों में लंपी के कुछ छिटपुट केस देखने में आ रहे हैं। इन सीमावर्ती जिलों में त्वरित कार्यवाही के लिए आर आर टी का गठन कर दिया गया है। विभाग में प्रचुर मात्रा में औषधियां भी उपलब्ध हैं। रोगी गौवंश को अविलम्ब आइसोलेशन कर समुचित उपचार की व्यवस्था विभाग द्वारा सुनिश्चित कर ली गई है। वर्तमान में स्थिति पूर्णतः नियंत्रण में है।

उन्होंने कहा कि रोग को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं जिनमें से टीकाकरण और जागरूकता अभियान मुख्य हैं। टीकाकरण इस रोग से बचाव का एक प्रमुख हथियार है इसलिए राज्य सरकार ने पशुओं के टीकाकरण पर जोर दिया जिससे रोग के प्रसार को समय रहते रोका जा सके। वर्ष 2025-26 में 1 करोड़ 11 लाख 57 हजार गौवंशीय पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा और दो महीने में लक्ष्य के विरूद्ध 1 करोड़ 8 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।

इसके अलावा सरकार ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाकर पशुपालकों को लंपी रोग के बारे में जानकारी भी उपलब्ध करा रही है। वर्तमान में चल रहे ग्रामीण सेवा शिविर में भी लोगों को लंपी रोग के लक्षण, बचाव और उपचार के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि लंपी रोग पशुओं का एक संक्रामक रोग है। इससे मुख्य रूप से गौवंश प्रभावित होते हैं और पशुपालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। प्रदेश दो साल पहले इस रोग का दंश झेल चुका है।

वर्ष 2022-23 में काफी अधिक संख्या में गौवंशीय पशु लंपी रोग से ग्रसित हुए थे और तब लगभग 76000 गौवंश की मृत्यु हुई थी। तब भी विभाग की सक्रियता से हजारों पशुओं की जान बचाई जा सकी थी। इसलिए सरकार अब इस रोग से बचाव के लिए सक्रिय होकर कार्य कर रही है।

कुमावत ने कहा कि पिछले वर्ष भी दो माह के टीकाकरण अभियान के तहत राज्य की लगभग 95 प्रतिशत गौवंश का टीकाकरण किया गया था जिससे रोग को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया था और गौवंश की हानि लगभग नहीं के बराबर हुई थी। श्री कुमावत नेे विभाग की सराहना करते हुए कहा कि इस रोग के सर्वेक्षण, निदान और नियंत्रण के लिए समय रहते आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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