परिजन आशा छोड़ चुके थे, चिकित्सकों ने लौटाई जिंदगी

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The family had given up hope, but doctors brought him back to life.
The family had given up hope, but doctors brought him back to life.

जयपुर। प्रियुष न्यूरो एंड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने टिटनेस की समस्या के चलते लगभग जान गवां चुकी 24 वर्षीय युवती की जान बचाने में सफलता हासिल की है। दरअसल युवती के कुछ समय पहले पैर में लोहे से गंभीर चोट लगी थी, जिसका कोई इलाज नहीं करवाया था। इसके कुछ दिनों बाद युवती को दांतों के जबडो में जकडन, कमर दर्द, शरीर में खिंचवा जैसी समस्याएं शुरू हो गई, जो कि नियमित रूप से बढ रही थी।

इसके बाद हॉस्पिटल के सीनीयर कंसल्टेंट इंटेंसिविस्ट डॉ. अल्पना परिहार के निर्देशन में इलाज शुरू हुआ। मरीज के परिजन पूरी तरह से हिम्मत हार चुके थे। डॉ. परिहार ने जांचों के बाद डॉ. एसएस गर्ग के सहयोग से टिटनेस का इलाज शुरू किया एवं सबसे पहले मरीज को बेहोशी देकर सांस की मशीन पर रखा गया। इसके बाद इलाज शुरू किया गया। करीब दो से तीन सप्ताह में मरीज को ठीक किया गया एवं सांस की मशीन और गले की नली को निकाला गया।

मरीज को बिना किसी सपोर्ट के डिस्चार्ज किया गया और फॉलो-अप में युवती पूरी तरह ठीक हो गई। डॉ. परिहार बताती हैं कि टिटनेस जैसी घातक बीमारी जिसमें बचना मुश्किल होता है, इससे बचने के लिए इसका वैक्सीनेशन करवाना चाहिए और यदि कोई भी समस्या दिखे तो तुरंत एक्सपर्ट चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

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