जयपुर। चांदपोल बाजार स्थित मंदिर श्री रामचंद्र जी में चल रहे सात दिवसीय श्री राम जानकी विवाह महोत्सव में रविवार को महंत नरेंद्र तिवारी के सान्निध्य में पुष्प वाटिका प्रसंग एवं गौरी पूजन प्रसंग साकार किया गया। भक्त समाज ने विशेष पद जैसे “पूजन की करके तैयारी आई सखी संग जनक लली” बाग में उजियारी छायी, सखियों संग सिया जु गौरी पूजन आयी” आदि का गान किया गया।
इस उत्सव में सैकड़ों की संख्या में भक्तगण मंदिर परिसर में उपस्थित रहे। मंदिर परिसर में आए सभी भक्तों को मंगल नेक मे कन्याओं को गौरी माता की प्रसाद स्वरूप लाल चुनड़ी वितरित की गई। सोमवार को धनुष यज्ञ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
विशेष काठ व सोने -चांदी के गोटे से तैयार किया गया है धनुष बाण
इस प्रसंग के लिए काठ का धनुष व बाण विशेष तौर पर कराया गया है जिसको सोने वह चांदी के गोटे से सजाया गया है । यह धनुष मंदिर जगमोहन के बीचों बीच रखा जाएगा जिसे ठाकुर श्री राम जी अपने हाथों से तोड़ेंगे । इस धनुष का नाम रामायण मे शिव धनुष “पिनाग” बताया गया है । यह धनुष शिव जी ने परशुराम जी को दिया था फिर परशुराम जी ने राजा जनक राज के पास रखवा दिया । राजा जनक ने इस धनुष को सीता स्वयंवर के उपयोग मे लिया ।
जब श्री राम जी यह धनुष तोड़ेंगे तब घंटे घड़ियाल नगाड़ा शंक आदि की गर्जना के बीच श्री सीता जी उन्हें जय- माला पहनाएगी। इसके बाद जनकपुर से अयोध्या मंगल पत्रिका भेजी जाएगी ।
विशेष पद जैसे
“लेत चढ़ावत खैंचत गाढ़े, कबहुना लखा देख सब ठाढ़े”
“जिस छन्न मध्य राम धनु तोड़ा, भरे भुवन धुनि घोर कठोरा”। आदि का मुख्य रूप से गायन होगा।




















