जयपुर। श्याम नगर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक प्लाट का जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) का फर्जी पट्टा और मुख्तयारनामा बनाकर चार करोड़ रुपये में बेचने करने वाली गैंग के मुख्य आरोपित सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण दिगंत आनंद ने बताया कि श्याम नगर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए की प्लाट का जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) का फर्जी पट्टा और मुख्तयारनामा बनाकर बेचने करने वाली गैंग के मुख्य अंशुल खन्ना (35) निवासी वैशाली नगर जयपुर, रिषभ देव शर्मा (35) निवासी हिण्डोन सिटी जिला करौली और राकेश कुमार सैनी (27) निवासी बास दयाल जिला अलवर को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस पूछताछ में अंशुल खन्ना से सामने आया है कि उसे और उसके साथी विनय जांगिड़ तथा चेतन शर्मा को रुपयों की आवश्यकता थी।
जिन्होंने चेतन के जानकार अविनाश शर्मा से जून 2024 मे 38 लाख रुपये उधार लिये थे। जिसके बदले में उसने अपना 56 लाख का चौक भरकर गिरवी रखा था। रुपये उसके खाते मे ऑनलाइन आये थे। जिसमे से 18 लाख रूपये चेतन शर्मा एवं 10 लाख रुपये विनय जांगिड़ को ट्रांसफर कर दिये। लेकिन अविनाश शर्मा ने एक माह बाद ही रुपये मांग लिये। लेकिन रुपये की व्यवस्था नहीं हो पायी। इस वजह से गैंग के अन्य सदस्यों को शामिल कर रुपये ठगने की योजना बनायी।
पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण ने बताया कि सितम्बर-2024 में गोविन्द नारायण परतानी ने श्याम नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्होंने अपनी पत्नी श्यामा देवी के नाम से साल-1981 में एक प्लॉट विवेक विहार में खरीदा था। साल-2021 में जेडीए का शिविर लगने पर लीज रकम जमा करवाकर पत्नी के नाम जेडीए पट्टा ले लिया था। प्लॉट की बाउंड्री वॉल बनाकर गेट व ताला लगाकर स्वामित्व में ले रखा है। रिश्तेदार ने कॉल कर बताया कि उनके प्लॉट के फेक पेपर मार्केट में आए हैं। इसमें उनकी पत्नी की जगह श्यामा परतानी नाम से आदमी का रजिस्टर्ड पट्टा, साइट प्लान व मुख्तारनामा आदि भी है।
उसके साथ मिले मोबाइल नंबर पर कॉल करने वाला खुद का नाम विक्रम सिंह बता रहा है। प्लॉट बेचने वाले के संबंध में पूछने पर प्रॉपर्टी डीलर का पता नहीं बताया। जांच में सामने आया है कि विवेक विहार का मुख्तारनामा पंजीयन ऑफिस-5 में रजिस्टर्ड ही नहीं है। प्लॉट का ओरिजिनल पट्टे से बनाए गए फेक पट्टे में महिला की जगह आदमी की फोटो लगाई गई है। फेक मुख्तारनामा धारक अंशुल खन्ना और गवाह राकेश कुमार सैनी व रिषभ शर्मा है। पुलिस टीम ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
थानाधिकारी दलबीर सिंह ने बताया कि पूछताछ में अंशुल खन्ना से सामने आया है कि उन्होंने जेडीए की वेबसाइट से प्लॉट के मालिक के बारे में डिटेल ली। एडिटिंग टूल्स का यूज कर फेक मुख्तारनामा व चालान रसीद तैयार की। उस पर उप पंजीयक-5 जयपुर की फेक सील-मोहर लगाकर तैयार कर ली। ओरिजिनल ऑनर श्यामा परतानी के आधार कार्ड में एडिटिंग कर महिला की जगह पुरुष की फोटो लगा दी। महिला की जगह पुरुष और पति की जगह पुत्र कर दिया। प्लान के तहत सीए दोस्त चेतन शर्मा को प्लॉट बेचने के लिए खरीदार लाने की जिम्मेदारी दी।
चेतन शर्मा ने अपने जानकार नरेश कुमार गुप्ता को प्लॉट व डॉक्यूमेंट दिखाए। डील फाइनल होने पर नरेश कुमार गुप्ता से एग्रीमेंट कर कुल 75 लाख रुपए ले लिए, लेकिन उसको रजिस्ट्री नहीं करवाई। वहीं राकेश सैनी जिस सेठ के पास काम करता है, वह बहुत पैसे वाला है। उसको प्लॉट दिखाने पर वह नरेश कुमार से ज्यादा रुपयों में खरीदने को राजी हो गया। प्लॉट का सौदा सेठ जानकी शरण से 3.20 करोड़ में कर बेचान कर दिया। उनकी बहू सपना के नाम उपपंजीयक ऑफिस 10 जयपुर में रजिस्ट्री करवा दी। उनसे मिले रुपयों को गैंग के सदस्यों ने आपस में बांट ली।