जयपुर। राजस्थान में निजी स्लीपर कोच बसों की रविवार को पूर्ण हड़ताल रही। पूरे राज्य भर में बसों के पहिए थम जाने से लगभग 25 हजार यात्री अपनी यात्रा से वंचित रहे। निजी बस संचालकों की हड़ताल से राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) भी यात्रियों को वैकल्पिक सेवा देने में असमर्थ रहा।
बस ऑपरेटर एसोसिएशन राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सत्य नारायण साहू ने बताया कि सरकार की हठधर्मिता के चलते स्लीपर कोच संचालक मजबूरी में चक्का जाम पर उतरे हैं। उन्होंने कहा कि स्लीपर कोच बसों के बंद रहने से सरकार को करीब 10 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है। इसमें डीजल पर लगने वाला वैट,टोल टैक्स से होने वाली आय (लगभग 5 प्रति किलोमीटर),तथा यात्रियों द्वारा दिए जाने वाले 5% जीएसटी का हिस्सा
तीनों ही प्रभावित हुए हैं।
साहू ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द वार्ता कर समाधान नहीं निकाला, तो यह नुकसान प्रति दिन बढ़ता जाएगा।संगठन के अनुसार, बस संचालक सरकार से स्लीपर कोच के परमिट नियमों और टैक्स ढांचे में राहत की मांग कर रहे हैं। “हम चाहते हैं कि सरकार संवाद करे, समस्या का समाधान निकाले, ताकि जनता को असुविधा न हो और राज्य का राजस्व भी बच सके।




















