जवाहर कला केन्द्र मे विरासत से विकास कार्यक्रम में दिखेगा दस्तकारों का हुनर

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Jawahar Kala Kendra
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जयपुर। देशभर में 7 अगस्त को नेशनल हैंडलूम डे मनाया गया वहीं 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाएगा। दोनों ही उपलक्ष्य को ध्यान में रखते हुए जवाहर कला केंन्द्र की ओर से अतुल्य अगस्त प्रोग्राम के तहत 11 से 17 अगस्त तक अलंकार दीर्घा में विरासत से विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

इसके तहत साधना गर्ग रघुकुल ट्रस्ट के क्यूरेशन में टाइमलेस टेक्सटाइल ट्रेडिशन एग्जीबिशन लगायी जाएगी। प्रदर्शनी में हैंडलूम का ऐसा आटवर्क कलेक्शन देखने को मिलेगा जिसे घर-घर जाकर इकट्ठा किया गया है। यह एक प्रयास है लुप्त होती कला को पुनर्जीवित करने का इसलिए बरसों से संजोए गए अपने पारंपरिक परिधानों जैसे अचकन, साड़ियां, ​जूतियां व चिकन वर्क, कलमकारी, आरी-तारी, जरदारी, बंधेज, फुलकारी प्रोडक्ट्स को शोकेस करने को लोग आगे आए हैं।

11 अगस्त को प्रात: 11:30 बजे म्यूजिक ऑफ द चरखा कार्यक्रम में रंगायन में वरिष्ठ कलाकार रमा सुन्दरम संत कबीर, संत नामदेव आदि के पदों के गायन की प्रस्तुति देंगी। इसी के साथ विरासत से विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 11 से 14 अगस्त तक ट्राइबल आर्ट शो भी आयोजित होगा जिसमें विभिन्न प्रदेशों से आए कलाकार आदिवासी अंचलों में प्रचलित ट्रेडिशनल विजुअल आर्ट वर्क शोकेस करेंगे।

जवाहर कला केन्द्र की महानिदेशक और कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की कला एवं संस्कृति बहुत समृद्ध है। प्रदेश के दस्तकारों के उत्पाद पूरी दुनिया में पसंद किए जा रहे हैं। यह हमारी विरासत है जो लंबा सफर तय कर विकास के इस पायदान पर पहुंची है। क्षेत्रीय दस्तकारों के हुनर को पहचान दिलाने व उन्हें मंच प्रदान करने के लिए विरासत से विकास एग्जीबिशन का आयोजन किया जा रहा है।

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