जयपुर। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने कार्रवाई करते हुए फर्जी डिग्री उपलब्ध करवाने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसओजी विशाल बंसल ने बताया कि पटवारी भर्ती परीक्षा 2021 में डमी अभ्यर्थी बैठाकर नौकरी हासिल करने वाले मुख्य अभियुक्त बलराम मीणा को फर्जी बीएससी डिग्री उपलब्ध करवाने वाले मास्टरमाइंड मांगीलाल मीणा निवासी शेरगढ़ जिला कोटा को गिरफ्तार किया किया गया है।
एडीजी बंसल ने बताया कि यह फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब प्रमुख शासन सचिव (कार्मिक) के निर्देश पर जिला बूंदी में गठित आंतरिक कमेटी ने विगत पांच वर्षों के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की गहन जांच शुरू की। इस जांच में रोल नंबर 3269761 के अभ्यर्थी बलराम मीणा के आवेदन पत्र पर लगे फोटो और वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी के फोटो,हस्ताक्षर में स्पष्ट असमानता पाई गई। संदेह गहरा होने पर रिपोर्ट एसओजी मुख्यालय को भेजी गई। जिसके बाद एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान आरंभ किया गया।
डमी अभ्यर्थी से लेकर बिचौलिए तक हुई थी गिरफ्तारी
एसओजी द्वारा गहनता से किए गए अनुसंधान में पहले यह सामने आया था कि आरोपी बलराम मीणा जिसने डमी बैठाकर पटवारी भर्ती परीक्षा 2021 में सरकारी नौकरी हासिल की थी। उसके स्थान पर उमेश कुमार चौधरी ने परीक्षा दी थी। साथ ही यह भी पता चला कि उमेश चौधरी से आरोपी बलराम मीणा का संपर्क करवाने में मनफूल सिंह धायल एक प्रमुख माध्यम बना था। जिसने बलराम को डमी उपलब्ध करवाया था। इस खुलासे पर एसओजी द्वारा पूर्व में ही आरोपी मनफूल सिंह धायल और उमेश चौधरी को 3 अक्टूबर 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि मुख्य आरोपी बलराम मीणा 24 सितम्बर 2025 को गिरफ्तार हुआ था।
मोनाड यूनिवर्सिटी से हुई फर्जी डिग्री की पुष्टि
अग्रिम अनुसंधान में यह पता चला कि बलराम ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय जो डिग्री पेश की थी। वह भी कूटरचित थी। बलराम से सख्ती से पूछताछ के बाद यह जानकारी मिली कि आरोपी मांगीलाल मीणा ने उसे यह फर्जी मार्कशीट और डिग्री उपलब्ध कराई थी। अनुसंधान में मोनाड यूनिवर्सिटी, हापुड़ से प्राप्त आधिकारिक पत्रावली में सत्र 2012-15 के विज्ञान संकाय में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की सूची में बलराम मीणा का नाम अनुपस्थित मिला। जिससे उसकी प्रस्तुत बीएससी (बायो साइंस) की डिग्री और मार्कशीट पूर्णतः कूटरचित सिद्ध हुई।
एसओजी ने गहन प्रयास कर आरोपी मांगीलाल मीणा को गिरफ्तार किया है और अब उससे पूछताछ में यह पता लगाने का कार्य करेगी कि उसने इस फर्जी डिग्री उपलब्ध कराने के कारोबार में और कितने लोगों को शामिल किया है तथा कितने अन्य लोगों को फर्जी डिग्री बेची है। एडीजी बंसल ने दोहराया कि भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी कर सरकारी सेवाओं में प्रवेश पाने की हर कोशिश पर एसओजी की कार्रवाई सख्त,तेज़ और लगातार जारी रहेगी।



















