जयपुर। रिमझिम बारिश की फुहारों से नहाया जवाहर कला केंद्र परिसर बुधवार को सितार की सुर लहरियों पर झूम उठा। मौका था जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम ‘सावन शृंगार’ के तहत पहले दिन सहाना बैनर्जी की सितार वादन प्रस्तुति का। रामपुर सैनिया घराने की कलाकार सहाना बैनर्जी ने कला रसिकों से भरे रंगायन सभागार में जब सितार वादन किया तो सावन की रूमानियत जीवंत हो उठी।
सहाना ने अपनी प्रस्तुति के दौरान मियां की मल्हार, राग मेघ और राग देस जैसे बारिश के राग बजाकर माहौल को सावन की शोखी से भर दिया। तीन ताल, झप ताल व एक ताल में उनकी प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को संगीत की अनूठी दुनिया की यात्रा कराई। तबले पर दिल्ली से आए फर्रुखाबाद घराने के कलाकार दुर्जय भौमिक ने संगत की।
रामपुर सैनिया घराने के सितार वादक पं. संतोष बैनर्जी व रामपुर सहसवान घराने की गवैया छबि बैनर्जी की पुत्री सहाना बैनर्जी ने अपने माता पिता से ही संगीत की शिक्षा ली है व वे अब तक देश-विदेश में कई प्रस्तुतियां दे चुकी हैं। सहाना को संगीत नाटक अकादमी की ओर से उस्ताद बिस्मिल्ला खान युवा पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। जयपुर में उनकी यह पहली प्रस्तुति थी जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया। ‘सावन शृंगार’ कार्यक्रम के अंतर्गत गुरुवार शाम 6:30 बजे उस्ताद अमीन साबरी की अगुवाई में साबरी ब्रदर्स की कव्वाली प्रस्तुति का आयोजन किया जाएगा।