जयपुर। ब्रह्मपुरी माउंट रोड़ पर स्थित नगर के अति प्राचीन दाहिनी सूँड दक्षिण मुखी श्री नहर के गणेश जी महाराज के मंदिर में हर वर्ष की भाँति इस वर्ष “त्रिदिवसीय श्री गणेश जन्मोत्सव ” 26, 27, 28 अगस्त 2025 को विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया जाएगा ।
मंदिर युवाचार्य पंडित मानव शर्मा ने बताया कि यह त्रि-दिवसीय गणेश जन्मोत्सव मंदिर महंत पंडित जय शर्मा के सान्निध्य में सम्पन्न होगा । उत्सव से पूर्व के व उत्सव के अनुष्ठान निम्नानुसार सम्पन्न होंगे :-
21 अगस्त को गुरु पुष्य पर प्रातः 11 बजे प्रभु गणपति का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पौषाक धारण करवाकर पूजा अर्चना श्री गणपति अथर्वशीर्ष एवं ऋग्वेदोक्त गणपति मात्रिका के पठन सहित किया जाएगा। तत्पश्चात वैदिक मंत्रों से 21 मोदक अर्पित किए जाएँगे। सायं कालीन महाआरती 251 दीपकों से की जाएगी तथा यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को सुख समृद्धि दायक एवं विघ्न निवारक रक्षा सूत्र वितरित किए जाएंगे ।
25 अगस्त को मंदिर महंत पंडित जय शर्मा के सान्निध्य में मंदिर परिवार उत्सव के लिए ध्वज पूजन करके उसे स्थापित करेंगे तथा 25 अगस्त की प्रातः से 26 अगस्त को सायं 5 बजे तक गणपति के नवीन चोला व श्रृंगार के लिए पारंपरिक रूप से 2 दिन पट मंगल रहेंगे।
इस दौरान प्रभु गणपति के चित्र का पूजन एवं उतरे हुए चौले का दर्शन भक्तजन मंदिर समयानुसार बाहर के जगमोहन में कर सकेंगे। 26 अगस्त को सायं 5 बजे से 28 अगस्त तक त्रि-दिवसीय जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जिसमें 26 अगस्त को सायं 5 बजे सिंजारा महोत्सव में गणपति के नवीन श्रृंगार के दर्शन भक्तजन कर सकेंगे। इस अवसर पर गणपति को विशेष रूप से बनाई गई।
लहरिया पोशाक व साफा धारण कराकर “असंख्य मोदक ” झाँकी सजाई जाएगी, जिसमें बड़े – छोटे सभी प्रकार के मोदकों को प्रभु को अर्पित किए जाएँगे। तत्पश्चात गणपति को मेंहदी अर्पित कर पूजन व आरती होगी एवं सायं 5.30 से श्री प्रेम भाया सत्संग मण्डल जयपुर के विजय किशोर शर्मा एवं दीपक शर्मा द्वारा भजनों की सरस प्रस्तुति से देर रात्रि तक सिंजारा मनाया जाएगा।
इस पावन अवसर पर आने वाले भक्तजनों को सौभाग्य वर्धक मेहंदी एवं सुख – समृद्धि दायक नवीन चौले की सिन्दूर का वितरण किया जाएगा । वहीं 27 अगस्त को श्री गणेश चतुर्थी का मुख्य पर्व प्रातः मंगला आरती 5 बजे से प्रारंभ होगा। जिसमें महंत परिवार द्वारा प्रातः गणपति की पूजा अर्चना करके विशेष रूप से बनाई गई।
” राजशाही – पोशाक ” धारण कराई जाएगी तत्पश्चात प्रातः सवा 7 बजे नियमित आरती होगी एवं प्रातः 9 बजे वैदिक मंत्रों के द्वारा दूर्वा समर्पण किए जाएँगे तथा दोपहर 11.30 बजे से गणपति के जन्मोत्सव का अभिषेक व पूजन तथा आरती महंत परिवार द्वारा की जाएगी तत्पश्चात मोदक भोग के साथ 56 भोग प्रभु को अर्पित किए जाएँगे। सायंकालीन आरती सायं 7 बजे होगी तथा शयन आरती देर रात्रि 12 बजे होगी।
28 अगस्त को मंदिर परिवार द्वारा परंपरागत रूप से ऋषि पंचमी के पावन पर्व पर सप्तर्षियों का पूजन शुभ मुहूर्त में किया जाएगा तथा ब्राह्मणों का सम्मान किया जाएगा तथा प्रातः 7.15 बजे नियमित आरती के साथ ही दर्शनार्थी दर्शन कर सकेंगे। सायँ आरती के पश्चात भजन संध्या का कार्यक्रम होगा एवं रात्रि शयन आरती 12 बजे होगी ।
इस तीन दिवसीय उत्सव में भक्तजनों के दर्शनार्थ महिला एवं पुरुष भक्तों के लिए अलग – अलग रेलिंग बनाकर व्यवस्था की जाएगी एवं उनके जूते चप्पलों की सुरक्षा व्यवस्था व जल व्यवस्था पीछे पार्किंग पर रहेगी। मंदिर प्रशासन द्वारा भक्तों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था के साथ पैट्रोन कंपनी के करीब 50 गार्ड व मंदिर के 150 कार्यकर्ता भी अपनी सेवाएं देंगे।
मंदिर के मुख्य द्वार के पास ही सहायता केन्द्र व डॉक्टर द्वारा फर्स्ट एड की व्यवस्था की जाएगी । इस अवसर पर मंदिर परिसर में तीनों दिन विद्युत सजावट भव्य स्तर पर की जाएगी तथा मंदिर को पचरंगी झँड़ों अन्य रंग – बिरंगे परिधानों से सजाया जाएगा इस अवसर पर 27 अगस्त को सायँ भव्य आतिशबाजी व बैण्ड वादन भी होगा।