जयपुर। बड़ी चौपड़, रामगंज बाजार स्थित मंदिर श्री लाडली जी में ठाकुर श्री किशोरी रमण एवं श्री चारभुजा नाथ जी के आशीर्वाद से चल रही तीन दिवसीय मीरा चरित्र कथा का रविवार को भव्य समापन हुआ। कथा का वाचन परम श्रद्धेय श्री राधा शरण महाराज ने किया।
कथावाचक ने मीरा बाई के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को श्रोताओं के समक्ष रखते हुए कहा कि “जीवन की सफलता का सर्वोत्कृष्ट मार्ग सत्संग है, और यह मीरा के जीवन से स्पष्ट होता है।” उन्होंने कहा कि सच्चा वैष्णव वही होता है, जो दूसरों की पीड़ा को समझकर उनकी सहायता करे। भक्त और भगवान का संबंध आत्मिक होता है, जिसे केवल भक्ति के मार्ग से ही अनुभव किया जा सकता है।
कथा के दौरान मीराबाई की भक्ति-यात्रा, उनके समर्पण भाव, और चारभुजा नाथ के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा के प्रसंगों को सुंदर झांकियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। लवेश गोस्वामी और आयोजक महेश अग्रवाल ने कथा में पधारे समस्त संत-महंतों का माला, दुपट्टा एवं प्रसाद देकर आत्मीय स्वागत-सम्मान किया। कार्यक्रम का समापन ललित संप्रदाय आचार्य महंत संजय गोस्वामी के सान्निध्य में हुआ।