मिट्टी के बर्तनों के इस्तेमाल से कामगारों को रोजगार के अवसरों में होगी बढ़ोतरी: श्रीयादे माटी कला बोर्ड अध्यक्ष

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The use of earthen pots will increase employment opportunities for workers: Shriyade Mati Kala Board Chairman
The use of earthen pots will increase employment opportunities for workers: Shriyade Mati Kala Board Chairman

जयपुर। श्रीयादे माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने प्रदेशवासियों से दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाकर खुशियां मनाने के साथ रसोई में पकवान मिट्टी के बर्तनों में बनाकर नई शुरूआत कर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की है।

टाक गुरुवार को उद्योग भवन स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस दिवाली नवाचार करते हुए मिट्टी के खिलौने, बर्तनों को उपहार स्वरूप दें। उन्होंने आमजन एवं राजस्थान के कार्पोरेट घराने, बड़े उद्योगपतियों से आग्रह किया है कि दीपावली के पावन पर्व पर मिट्टी से बने हुए उत्पाद जैसे खिलोने, मूर्तियां, कप, खाना बनाने के बर्तन आदि उपहार में दें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर कुम्हार कामगारों को अधिक से अधिक रोजगार मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। इससे मुख्यमंत्री के राइजिंग राजस्थान और प्रधानमंत्री के लोकल फॉर वोकल का आव्हान भी सफल होगा।

इस नवाचार को गति देने के लिए बोर्ड अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने राजस्थान के सभी विधायकों एवं सांसदो को दीपावली की शुभकामना सन्देश के साथ पत्र लिखकर आव्हान किया है कि वे इस दीपावली पर अपने शुभचिंतकों को मिट्टी के दीये, खिलौने, मूर्तियां एवं खाना बनाने के बर्तन उपहार में दें।

टाक ने बताया कि माटी कला कामगारों को रोजगार देने एवं उनके उत्थान की दिशा में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना के लिए 5 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है, जिसके संबंध में बोर्ड द्वारा जमीन आवंटन के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। भूमि आवंटन के बाद बोर्ड द्वारा सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना के लिए अग्रिम कार्यवाही कर दी जावेगी। उन्होंने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में कामगारों के प्रशिक्षण, नवीन व उन्नत तकनीकी मशीनरी, मार्केटिंग और ब्रांडिंग, माटीकला पर्यटन, प्रशासनिक, गेस्ट हाउस एंव हॉस्टल, अनुसंधान एवं विकास एवं माटीकला आधुनिक फरनेंस सिस्टम के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाये जाएंगे।

श्रीयादे माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनने से प्रदेश की माटी कला को नई दिशा मिलेगी। माटी कला उद्योगों का विकास होगा तथा व्यवसाय में बढ़ोतरी भी होगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार एक हजार इलेक्ट्रिक चाक एवं मिट्टी गूंथने की मशीनों का वितरण किया जायेगा जिससे चालू वित्त वर्ष में दस हजार रोजगार प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से सृजित होंगे।

उन्होंने बताया कि बजट घोषणाओं का क्रियान्वयन के अनुसार दस्तकारों को एक हजार इलेक्ट्रिक चाक एवं मिट्टी गूंथने की मशीनों का वितरण, सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना, निःशुल्क प्रशिक्षण, जागरूकता एवं वितरण शिविरों का आयोजन, दस्तकारों के लिए बोर्ड की सभी सेवाओ के लिए ऑनलाइन शुरूआत, प्रतिवर्ष राजस्थान माटी उत्सव का आयोजन, दस्तकारों का बोर्ड द्वारा पंजीकरण कर माटी कला कार्ड बनवाया जाएगा।

टाक ने बताया कि बोर्ड द्वारा यह भी तय किया गया है कि एक हजार इलेक्ट्रिक चाक एवं मिट्टी गूंथने की मशीनों के वितरण के लिए ऑनलाइन आवेदन लिये जाएंगे, जिसके प्रथम चरण में प्रत्येक जिले के बीस कामगारों का चयन लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा और चयनित कामगारों को दस दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान कर इन मशीनों का वितरण किया जाएगा ।

उन्होंने बताया कि कोई भी माटी कला दस्तकार/कुम्हार कामगार जो राजस्थान का निवासी हो तथा जिसकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो आवेदन कर सकेगा, जिसमें दिव्यांग, विद्यवा एवं परित्यकता महिला आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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