भाजपा में अस्पृश्यता, जाति, लिंग या मजहब के आधार पर भेदभाव करने वालों के लिए नहीं है कोई स्थान: मदन राठौड़

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There is no place in BJP for those who discriminate on the basis of untouchability, caste, gender or religion: Madan Rathod
There is no place in BJP for those who discriminate on the basis of untouchability, caste, gender or religion: Madan Rathod

जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित करने के बाद मीडिया बाइट में कहा कि भारतीय जनता पार्टी में किसी भी प्रकार की अस्पृश्यता करने वाले तथा जाति, लिंग या मजहब के आधार पर भेदभाव करने वालों के लिए जगह नहीं है। पूर्व विधायक आहूजा के बयान और कृत्य के बाद उन्हें पार्टी ने तत्काल प्रभाव से सदस्यता से निलंबित कर दिया, इसके साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।

आहूजा का यह कृत्य घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। कांग्रेसी नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं बचा तो वे बिना वजह इस मामले को तूल देने का कार्य कर रहे है। आहूजा के बयान के बाद पार्टी ने जब तत्काल कार्रवाई कर दी तो इस मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए थी। अब कांग्रेस के पास कोई काम बचा ही नहीं क्या!

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही यह प्रतिज्ञा दिलाई जाती है कि ‘‘मैं किसी भी रूप में अस्पृश्यता को नहीं मानता हूं, न उसे व्यवहार में आने देता हूं। मैं जाति, लिंग एवं मजहब के आधार पर किसी प्रकार के भेद-भाव पर विश्वास नहीं करता हूं।‘‘ लेकिन आहूजा ने ऐसा कृत्य किया जिसे पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी की ओर से इसे घोर अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई भी की।

राठौड़ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा अल्पसंख्यकों के कल्याण और उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है लेकिन कुछ अल्पज्ञान वाले लोगों के चलते हमारी मेहनत खराब हो जाती है। ऐसे में मेरा सभी से आह्वान है कि किसी भी तरह का कृत्य करने या बयान जारी करने से पहले हमें पार्टी की विचारधारा और कार्यशैली को समझने की जरूरत है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस नेता उस्मान खान द्वारा मंदिर के बाहर खड़े लोगों के ऊपर कार चढ़ाने के मामले को कांग्रेस पार्टी गंभीरता से ले, लेकिन इस विषय पर बोलने की बजाय, जो मुद्दा नहीं है, उसे तूल दिया जा रहा है। उस्मान ही नहीं, कर्नाटक के एक कांग्रेसी सांसद ने तो सदन में वक्फ बिल चर्चा के दौरान कांच की बोतल को तोड़कर संयुक्त संसदीय समिति के चेयरमैन जगदंबिका पाल पर फेंकने जैसा घोर निदंनीय कृत्य किया था।

इसी आक्रोश से उस्मान खान ने मंदिर के बाहर खडे लोगों पर कार चढ़ाने का काम किया। कांग्रेस को इन विषयों को गंभीरता से लेना चाहिए, लेकिन कांग्रेस इन विषयों पर बोलने की बजाय जो मुद्दा नहीं है, उसे मुद्दा बना रही है यह सही नहीं है।

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