काल्पनिक रूप से फर्जी कॉलेज बनाकर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति उठाने वाले तीन आरोपित चढ़े पुलिस के हत्थे

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जयपुर। जयपुर ग्रामीण जिले के गोविंदगढ़ थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए काल्पनिक रूप से फर्जी कॉलेज बनाकर फर्जी तरीके से लाखों रुपये की छात्रवृत्ति उठाने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।

उप महानिरीक्षक पुलिस (सह-पुलिस अधीक्षक) जिला जयपुर ग्रामीण आनन्द शर्मा ने बताया है कि जयपुर ग्रामीण जिले के गोविंदगढ़ थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए काल्पनिक रूप से फर्जी कॉलेज बनाकर फर्जी तरीके से 23 लाख 6400 रुपये की छात्रवृत्ति उठाने वाले गुरुकृपा आईटीआई महाविद्यालय कुचामन जिला नागौर के संचालक श्रवण लाल जाट (32) निवासी जायल जिला नागौर,बलराम गुर्जर (43) निवासी सांगानेर जयपुर हाल प्रोजेक्ट मैनेजर सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग सहित ई-मित्र संचालक विजय कुमार बोचल्या(27) निवासी गोविंदगढ़ जिला जयपुर को गिरफ्तार किया है।

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपित ई-मित्र संचालक विजय कुमार बोचल्या विजय कुमार बोचल्या,छात्रवृत्ति पोर्टल से स्वीकृत करवाने वाले गुरुकृपा आईटीआई महाविद्यालय कुचामन नागौर के संचालक और श्रवण राम जाट व विभाग से छात्रवृति दिलवाने के नाम पर रुपये लेने वाले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजर— डवलपर अनुबंध पर काम करने वाले बलराम गुर्जर ने मिलकर फर्जी तरीके से कॉलेज बनाकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग छात्रवृत्ति पोर्टल से 23 लाख 6400 रुपये लिए है। इस मामले में आरोपितों द्वारा गबन की गई राशि 23 लाख 6400 रुपये की बरामदगी के प्रयास व शेष आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है।

गौरतलब है कि 27 मई को गोविंदगढ़ थाने में पर एक जीरो नम्बरी एफआईआर पुलिस थाना चौमू जिला जयपुर से दर्ज हुई थी। जिसमे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जयपुर ने मामला दर्ज करवाया कि एसएसओ आईडी छात्रवृत्ति प्रणाली आरजे रावटीनस्टिट्यूट,वीबीएवाई कुमार बोचल्या, डॉ. सोनिया नित्यानंद, अक्षय मुलोडिया 4, बजरंग 019 का उपयोग कर एक फर्जी कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर शिक्षण संस्थान रावत कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनीमल साइंस राष्ट्रीय राजमार्ग नाघोरी जिला अलवर का गठन किया गया है।

इन्हीं एसएसओ आईडी का उपयोग कर इनके द्वारा इस शिक्षण संस्थान को विभाग के छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत किया गया व कूट रचित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 23 लाख 6400 रुपये की छात्रवृत्ति प्राप्त कर राजकोष को हानि पहुंचाई गई है। मामला दर्ज होने के बाद आरोपित फरार हो गए। वहीं पुलिस को गुमराह करने के लिए जांगी प्राइवेट मैसेंजर ऐप का उपयोग करके आपस में वार्तालाप करते थे। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर एक पुलिस टीम का गठन किया और फिर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अम्बेडकर भवन व अन्य विभागों से दस्तावेज प्राप्त कर आरोपितों को चिन्हित करते हुए धर—दबोचा।

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