July 16, 2025, 7:00 pm
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कुख्यात अंकल गिरोह पर पुलिस का बढ़ता शिकंजा: सलमान को हथियार सप्लाई करने वाले तीन सदस्य फिरोजाबाद से गिरफ्तार

जयपुर । राजस्थान पुलिस द्वारा अवैध हथियार तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। प्रतापगढ़ पुलिस और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने कुख्यात अंकल गिरोह के तीन सदस्यों को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से गिरफ्तार किया है। ये तीनों अपराधी, जो पहले से ही एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, गैंगस्टर सलमान जैसे अपराधियों को हथियार और कारतूस उपलब्ध कराने में शामिल थे।

प्रतापगढ़ एसपी विनीत कुमार बंसल ने बताया कि इस मामले की शुरुआत तब हुई जब 28 जून को छोटी सादड़ी थानाधिकारी प्रवीण टांक ने राकेश राठौर को दो ऑटोमेटिक पिस्टल और खाली मैगजीन के साथ गिरफ्तार किया। राकेश से मिली सूचना के आधार पर सलमान पुत्र शेरखान निवासी नागदा को गिरफ्तार किया गया और उसके पास से भारी मात्रा में अवैध विदेशी हथियार और जिंदा कारतूस बरामद हुए। इसके बाद इस गिरोह के 5-6 अन्य बदमाशों को गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ की गई।

हथियारों की इस बड़ी खेप की गंभीरता को देखते हुए एसपी बंसल ने हथियारों की सप्लाई चेन का पता लगाने और अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया। जिनके निर्देशों पर गठित टीम ने गहन छानबीन की और सोमवार 14 जुलाई को फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश की जिला कारागार से अंकल उर्फ प्रवीण गिरोह के तीन कुख्यात सदस्यों को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया।

आरोपित राहुल पुत्र पप्पू उर्फ आनंदकांत, सागर पुत्र राकेश उर्फ पप्पू निवासी मोहल्ला कंबुहान थाना उत्तर फिरोजाबाद और नितिन पुत्र नरेंद्र सिंह निवासी कृष्णा पाड़ां सर्राफा बाजार थाना उत्तर फिरोजाबाद को गिरफ्तार किया है। ये तीनों अभियुक्त पहले से ही एक हत्या के पुराने मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे।

लाइसेंसी गनहाउस से हथियारों की तस्करी का नेटवर्क

अनुसंधान से पता चला है कि इन तीनों अपराधियों ने प्रतिबंधित हथियार और कारतूस अंकल उर्फ प्रवीण वर्मा और जितेंद्र सिंह को उपलब्ध कराए थे, जो राकेश के माध्यम से सलमान तक पहुंचे। यह भी ज्ञात हुआ है कि ये अभियुक्त लाइसेंसी हथियारों के नंबर मिटाकर और कारतूस अंकल उर्फ प्रवीण वर्मा को देते थे। जानकारी के अनुसार, राहुल के नाम पर एक लाइसेंसी गनहाउस भी था, जो 2009 में सील हो गया था।

पुलिस को यह भी पता चला है कि इन तीनों अभियुक्तों ने अंकल उर्फ प्रवीण वर्मा और जितेंद्र सिंह को कई बार अवैध असलहा उपलब्ध कराया था, जो आगे कई अन्य लोगों तक पहुंचा। इस मामले में आगे की जांच जारी है और पुलिस इस हथियार तस्करी नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक परबत सिंह के सुपरविजन की गई इस सफलतम कार्रवाई में थाना छोटी सादड़ी से एसएचओ प्रवीण टांक सहित एसआई नारायण लाल, निर्भय सिंह, एएसआई शिवराम, हेड कांस्टेबल, महेश कुमार, सुरेश चंद और कांस्टेबल तेजपाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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