जयपुर। खोह नागोरियान थाना इलाके में ट्रेन की चपेट में आने से एक ही परिवार के तीन लोगों की कटने से मौत हो गई थी। सोमवार को पुलिस ने सभी का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों का सौंप दिया। जहां पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया। एक ही परिवार से एक साथ तीन अर्थियां उठने पर इलाके में मातम छाया हुआ था और हर किसी के आंख से आंसू बह रहे थे। स्थानीय लोग इस पूरे घटनाक्रम को लेकर चर्चा करते नजर आए।
अब तक की पुलिस जांच में सामने आया कि सुसाइड करने गया 40 वर्षीय सुमित सैन नशा करने का आदी था और वह कैब चलाता था। आर्थिंक तंगी के चलते वह अवसाद में था। परिजन उसके नशा करने की आदत से परेशान थे और इसकी बात को लेकर उनमें आए दिन झगड़ा होता रहता था। झगड़े से परेशान होकर ही सुमित घर से निकलकर पटरियों पर जा बैठा। उसके पीछे-पीछे युवक की बेटी निशा और बडा भाई गणेश भी वहां पर पहुंच गए। बेटी और बड़ा भाई उसे समझा ही रहे थे कि ट्रेन आ गई। दोनों ने उसे पटरी से उठाने का प्रयास किया, लेकिन तीनों ट्रेन की चपेट में आ गए।
पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व तेजस्वनी गौत्तम ने बताया कि सुमित नशा करने का आदी था और वह लम्बे समय से आर्थिंक तंगी से जूझ रहा था। नशे की आदत के चलते उसके परिवार में आए दिन झगड़े होते रहते थे। रविवार के हादसे के बाद आज तीनों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। मामले की छानबीन की जा रही है। प्राथमिक रूप से नशा करने और आर्थिक तंगी की ही बात सामने आ रही है।
गौरतलब है कि जय अम्बे नगर में किराये के मकान में रहने वाले सुमित सैन (40) परिवार से झगड़ा कर ट्रेन की पटरी पर बैठ गया। उसने पीछे-पीछे उसकी बेटी निशा (15) और बड़े भाई गणेश (44) भी वहां पर पहुंच गए और उसके समझाने लगे। इसी दौरान ट्रेन आ गई। ट्रेन को देखकर निशान और गणेश उसे पटरियों से हटाने लगे, लेकिन वे उसे हटा नहीं पाए और ट्रेन की चपेट में आ गए।
सुमित ने एक रिश्तेदार को वीडियो कॉल किया और घर के झगड़े के बारे में बताया। उसने उसे रेलवे लाइन दिखाई। रिश्तेदार ने लोकेशन पूछी तो सुमित ने फोन काट दिया। इसके बाद रिश्तेदार ने सुमित की बेटी निशा को बताया कि तेरे पापा पटरी पर बैठे हैं। निशा अपने ताऊ गणेश को लेकर रेलवे लाइन जगतपुरा की तरफ भागी। इसी दौरान हरिद्वार मेल ट्रेन आ गई। निशा और गणेश ने सुमित को खींचने का बहुत प्रयास किया। तीनों ट्रेन की चपेट में आ गए और मौके पर मौत हो गई।