जयपुर। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने सर्जरी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू लिया है। हाल ही में जयपुर स्थित सीके बिरला अस्पताल में एक दुर्लभ एवं उन्नत रोबोटिक तकनीक से थायराइड सर्जरी की गई, जिसमें गले पर किसी भी प्रकार का निशान नहीं पड़ा।
सामान्य सर्जरी में लगता है गले पर चीरा –
सी के बिरला अस्पताल की वरिष्ठ ब्रेस्ट एवं एंडोक्राइन सर्जन डॉ. अनुकृति सूद ने बताया कि मरीज के गले के दोनों ओर गांठें महसूस की गई थीं। जांच में पता चला कि उसकी थायराइड ग्रंथि में गठानें हैं, जिन्हें निकालना आवश्यक था। सामान्यतः पारंपरिक थायराइड सर्जरी में गले पर चीरा लगाना पड़ता है, जिससे सर्जरी के बाद स्थायी निशान रह जाते हैं। लेकिन इस बार रोबोटिक तकनीक के माध्यम से बिना किसी चीरे के सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया।
कैसे हुई सर्जरी?
मरीज अपने गले पर सर्जरी का किसी तरह का निशान नहीं चाहता था इसीलिए डॉ. अनुकृति सूद ने रोबोटिक थायराइडेक्टमी सर्जरी को अंजाम दिया। इस प्रक्रिया में मरीज की बगल और छाती की तरफ से चार छोटे-छोटे छेद किए गए, जिनसे रोबोटिक उपकरणों के माध्यम से गले तक पहुंचा गया और थायराइड ग्रंथि को हटा दिया गया।
रोबोटिक सर्जरी के हैं कई फायदे –
कोई बाहरी निशान नहीं: पारंपरिक सर्जरी में जहां गले पर बड़ा चीरा लगता है, वहीं इस तकनीक में मरीज के शरीर पर कोई स्पष्ट निशान नहीं रहता।
तेजी से रिकवरी: छोटे चीरे होने के कारण मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है और अस्पताल में कम समय रहना पड़ता है।
कम दर्द और जटिलताएं: यह प्रक्रिया न्यूनतम इनवेसिव होती है, जिससे ऑपरेशन के बाद दर्द और संक्रमण की संभावना काफी कम हो जाती है।
बेहतर सटीकता: रोबोटिक सर्जरी में डॉक्टरों को अत्यधिक सूक्ष्मता और स्पष्टता मिलती है, जिससे जटिल अंगों की सर्जरी अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनती है।
डॉ. अनुकृति सूद ने कहा, “रोबोटिक सर्जरी मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इससे न केवल सर्जरी की जटिलताओं को कम किया जा सकता है, बल्कि मरीजों के आत्मविश्वास को भी बनाए रखा जाता है, क्योंकि उनके शरीर पर कोई निशान नहीं पड़ता।”