July 27, 2024, 7:17 am
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खोले के हनुमान मंदिर में आज होगी प्रेम भाया और राधा -कृष्ण की प्राण-प्रतिष्ठा

जयपुर। खोले के हनुमान मंदिर परिसर में श्री प्रेम भाया मंदिर युगल धाम में 21 जनवरी से मनाए जा रहे श्रीरामोत्सव में प्राण -प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत आज पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अभीजित मुहूर्ते में श्री प्रेम भाया और राधा-कृष्ण की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। आज दोपहर में विधि विधान से प्राण-प्रतिष्ठा के बाद आमंत्रित संत -महंत प्रथम आरती करेंगे। जिसके पश्चात सभी संतों-महंतों का सम्मान और आशीर्वचन किया जाएगा। शाम 5 बजे श्री प्रेम भाया मंडल की ओर से विजय किशोर शर्मा के संयोजन में भजन और बधाई गायन महोत्सव होगा।

शुक्रवार को सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक हरिनाम संकीर्तन, भजन, बधाई गायन होगा। त्रिवेणी सत्संग मंडल के रामअवतार अग्रवाल, रामचंद्र अग्रवाल के संयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु संकीर्तन करेंगे। अपराह्न तीन से शाम 6 बजे तक शिव सत्संग मंडल की ओर से हरि नाम संकीर्तन और बधाई गायन होगा।शनिवार को दोपहर दो से शाम पांच बजे तक बदनपुरा महिला मंडल और शाम 6 से रात्रि 8 बजे तक श्री गौरांग महाप्रभु मंडल की ओर से संकीर्तन, बधाई गायन होगा।

रविवार को शाम 6 से रात्रि 8 बजे तक श्री श्याम अनमोल सेवा रत्न परिवार ट्रस्ट के राजेश अटोलिया के संयोजन में भजनों की प्रस्तुतियां होगी। सोमवार को शाम 5 से रात्रि 8 बजे तक सामूहिक सुंदरकांड पाठ होंगे। सत्यनारायण ठाकुरिया के संयोजन में श्री युवा सत्संग रामायण सेवा समिति लक्ष्मीनारायण पुरी की ओर से के बड़ी संख्या में लोग सामूहिक सुंदरकांड पाठ करेंगे। श्री प्रेम भाया और श्री राधा कृष्ण का छठी उत्सव मंगलवार को मनाया जाएगा। शुक सम्प्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी महाराज के सानिध्य में शाम 5 बजे से यह कार्यक्रम होगा।

बाल रूप कृष्ण को दिया नाम

जयपुर रियासत के महाराजा मानसिंह के राजवैद्य पं. गणेश नारायण शर्मा के यहां सन 1916 वैशाख कृष्ण द्वादशी शनिवार को भक्त युगल जी का जन्म चांदपोल बाजार के जयलाल मुंशी का रास्ता स्थित युगल कुटीर में हुआ था। भक्त युगल जी ने आयुर्वेदाचार्य की शिक्षा प्राप्त की। सन 1940 में जबलपुर में अपने मित्र के यहां भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप पर दृष्टि पड़ी जो कि गीता प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित हुआ था। उस चित्र सेवा को शीतला अष्टमी के दिन युगल कुटीर, जयलाल मुंशी का रास्ता चांदपोल बाजार में विराजमान कर जयपुर की ढूंढ़ाड़ी भाषा में श्री प्रेमभाया सरकार नाम भगवान कृष्ण को दिया।

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