जयपुर। विजयादशमी पर्व गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। अहंकार का प्रतीक रावण के पुतले जगह-जगह जलाए जाएंगे। मुख्य रूप से आदर्शनगर, विद्याधर नगर, प्रताप नगर, वैशाली नगर, न्यू गेट स्थित रामलीला मैदान में रावण के पचास से सौ फीट के पुतले रंगीन आतिशबाजी के साथ धू धू जलेंगे। प्रताप नगर में गोकाष्ठ का रावण पहली बार जलेगा। आदर्श नगर के दशहरा मैदान में गुरुवार शाम 7:30 बजे 105 फीट ऊंचे रावण के साथ 90 फीट ऊंचे कुंभकरण के पुतले का दहन होगा।
रावण दहन से पूर्व शानदार आतिशबाजी होगी। इस बार रावण दहन से पूर्व आतिशबाजी का विशेष आयोजन किया गया है। रंगीन आतिशबाजी में नियाग्रा फॉल जैसा नजारा होगा, मानो रंगीन झरने बह रहे हों। जैसे सावन-भादो में आसमान से बूंदें बरसती हैं, वैसे ही आतिशबाजी की छोटी-छोटी बूंदें आसमान से बरसेंगी। आकाश में स्टार वार जैसा दृश्य रोमांचित करेगा।
चमकीली अशरफियां बरसेंगी, जमीन से सुनहरी अनार छूटेंगे और धूमकेतु जैसा नजारा दिखेगा। हवाई मछलियां चारों दिशाओं में तैरती नजर आएंगी, तो रंगीन ऑक्टोपस की आकृतियां बिखरेंगी। लंबे बांसों पर घूमती चकरियां आकर्षण का केंद्र होंगी।
शोरगर जब लाल, हरी, नीली और पीली हवाइयां छोड़ेंगे तो आसमान रंगीन हो उठेगा। सितारों के समूह, फूलों के गुलदस्ते और रंग-बिरंगे दृश्य वातावरण को मंत्रमुग्ध करेंगे।
नाभि में बाण लगते ही रावण उगलेगा आग
भगवान राम के स्वरूप जब रावण की नाभि में अग्नि-बाण छोड़ेंगे, तभी रावण दहन आरंभ होगा। इस दौरान रावण की आंखों से शोले, मुंह से आग के गोले निकलेंगे, नाभि और सिर पर अग्नि चक्र घूमेगा। रावण की तलवार और ढाल से सुनहरी चिंगारियां फूटेंगी। लाखों दर्शक इस ऐतिहासिक रावण दहन के साक्षी बनेंगे।