भागवत कथा में दी पहलगाम के मृतकों को श्रद्धाजंलि,श्रीशुक्र संप्रदाय की आचार्य पीठ श्रीसरस निकुंज में चतुर्थ से अष्ठम स्कंध की कथा का हुआ समापन

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Tribute given to the dead of Pahalgam in Bhagwat Katha
Tribute given to the dead of Pahalgam in Bhagwat Katha

जयपुर। सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में बुधवार को चतुर्थ से अष्ठम स्कंध की कथा हुई। व्यासपीठ से वृंदावन की धीर समीर पीठ के महंत मदन मोहन दास जी महाराज ने उत्तरा महारानी द्वारा भगवान की स्तुति, प्रहलाद चरित्र, धु्रव चरित्र, गजेन्द्र मोक्ष जैसे करुणा प्रधान प्रसंगों का श्रवण कराया। इस मौके पर श्री शुक सम्प्रदाय पीठाधीश अलबेली माधुरी शरण जी महाराज के सान्निध्य में जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों से धर्म पूछकर गोलियों से भूनने की विभत्स घटना के विरोध में मौन रहकर श्रद्धाजंलि दी गई।

श्रोताओं ने मृतकों की सद्गति के लिए हरिनाम संकीर्तन किया। साथ ही ठाकुरजी से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। व्यासपीठ से वृंदावन की धीर समीर पीठ के महंत मदन मोहन दास जी महाराज ने कहा कि शरीर की इंद्रियां ही मगरमच्छ के रूप में जीव को संसार सागर में डूबा रही है। इससे पार पाना है तो भगवन नाम ही एकमात्र सहारा है। आर्त भाव से की गई भक्त की पुकार सुनकर भगवान उसे बचाने के लिए दौड़ आते हैं। प्रहलाद और धु्रव चरित्र के माध्यम से उन्होंने भगवान की एकनिष्ठ भक्ति करने पर जोर दिया।

आज मनाया जाएगा नंदोत्सव:

श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि आचार्य महामुनीन्द्र शुकदेव महाराज की जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार का अपराह्न तीन से शाम साढ़े छह बजे तक नवम और दशक स्कंध की कथा में भगवान राम के जन्म के बाद कृष्ण जन्म की कथा होगी। इस मौके पर नंदोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। मुख्य जन्मोत्सव बधाई गायन 27 अप्रेल को दोपहर बारह से शाम छह बजे तक होगा।

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