गोविंद देव जी मंदिर में भक्ति—शक्ति और मर्यादा का त्रिवेणी संगम

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जयपुर। आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में आश्विन शारदीय नवरात्रि की षष्ठी तिथि रविवार को भक्ति, मर्यादा और शक्ति का अद्भुत त्रिवेणी संगम देखने को मिला। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी महाराज के सानिध्य में आराध्य देव के विशेष दर्शन, मां दुर्गा का हवन और भगवान श्रीराम की आराधना सम्पन्न हुई। मंदिर प्रांगण में चल रहे रामचरितमानस नवाहन पारायण में किष्किंधा कांड की चौपाइयों का सस्वर पाठ हुआ।

“कपि सेन संग लेउ पथ नाना।
राम कृपाँ बस भये सुजाना॥”
“राम तुम्हारें भिन्न नहिं भाई।
मोहि प्रान प्रिय सखा सुनि जाई॥”

इन चौपाइयों के गूंजते स्वर से पूरा प्रांगण भक्तिरस से सरोबार हो उठा। वहीं शक्ति संवर्धन पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आहुतियां अर्पित कर शक्ति, ज्ञान और संपन्नता की कामना की। विशेषता यह रही कि यज्ञ संचालन नारी शक्ति ने किया। आचार्य पीठ से गायत्री कचोलिया व गायत्री तोमर ने प्रज्ञा गीत प्रस्तुत किए और यज्ञ का वैज्ञानिक महत्व बताते हुए तीन पारियों में हवन सम्पन्न करवाया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मंदिर सेवा अधिकारी मानस गोस्वामी ने ठाकुर श्री राधा गोविंद देव जी, वेद माता गायत्री और गुरु सत्ता का पंचतत्व पूजन कर किया। इस अवसर पर गायत्री कचोलिया ने कहा कि नारियों को घर-परिवार के साथ समाज और राष्ट्र निर्माण में भी आगे आना चाहिए तथा बेटियों पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध प्रत्येक महिला को दुर्गा स्वरूप बनकर डटकर खड़ा होना होगा।

उधर, ठिकाना मंदिर गोविंद देव जी के अधीनस्थ कनक घाटी स्थित मनसा माता मंदिर में भी षष्ठी तिथि पर विशेष श्रृंगार और भोग अर्पित किए गए। रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु, जिनमें राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए भक्तों के साथ विदेशी पर्यटक भी शामिल थे, ठाकुर श्री गोविंद देव जी के दर्शन हेतु पहुंचे। इस अवसर पर ठाकुर जी के समक्ष 56 भोग की झांकी भी सजाई गई। श्रद्धालुओं ने हरी नाम संकीर्तन करते हुए मंदिर परिसर की परिक्रमा की।

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