जयपुर। सर्वपितृ अमावस्या पर अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में जयपुर में पांच स्थानों पर सामूहिक तर्पण-पिंडदान एवं गायत्री यज्ञ का सफल आयोजन हुआ। इसमें करीब ढाई हजार श्रद्धालुओं ने अपने दिवंगत पितरों का श्रद्धापूर्वक तर्पण एवं पिंडदान कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वप्रथम षट् कर्म किया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने अलग-अलग दिशाओं में मुख करके देवताओं का आह्वान करते हुए जलांजलि दी। इसके उपरांत ऋषियों और महापुरुषों का तर्पण किया गया। सबसे अंत में दिवंगत पितृगणों का तर्पण गंगाजल, दूध, दही, काले तिल, जौ, चावल एवं पुष्प मिश्रित जल से किया गया। इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं ने हाथ में कुश लेकर तर्पण की विधि पूरी की। जिन परिवारों में पुरुष सदस्य उपस्थित नहीं थे, वहां महिलाओं ने भी तर्पण कर परंपरा को आगे बढ़ाया।
किरण पथ मानसरोवर स्थित श्री गायत्री वेदना निवारण केन्द्र, गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी, गायत्री चेतना केन्द्र शिव नगर सांगानेर, गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ तथा जनता कॉलोनी स्थित गायत्री चेतना केन्द्र पर श्रद्धालुओं ने विधिवत तर्पण-पिंडदान किया। इसके पश्चात पितृ शांति हेतु विशेष हवन आयोजित हुआ। इस अवसर पर उपस्थित परिवारों ने अपने पितरों की स्मृति में पौधे लगाने का संकल्प लिया तथा जरूरतमंद विद्यार्थियों को पुस्तक प्रदान करने का भी संकल्प व्यक्त किया।
आयोजन को सफल बनाने में गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल, वेदना निवारण केंद्र मानसरोवर के व्यवस्थापक आर. डी. गुप्ता, गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक सोहनलाल शर्मा एवं सह-व्यवस्थापक मणि शंकर पाटीदार, गायत्री शक्तिपीठ वाटिका के व्यवस्थापक रणवीर सिंह चौधरी तथा गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ के मुख्य ट्रस्टी धर्म सिंह सहित गायत्री परिवार के अन्य सहयोगियों का उल्लेखनीय योगदान रहा।