जयपुर। चूरू जिला पुलिस ने विदेश में बैठे गैंगस्टर रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण से जुड़े एक बड़े फर्जी पासपोर्ट रैकेट का पर्दाफाश करते हुए उनके दो शातिर गुर्गों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों हिस्ट्रीशीटर फर्जी पासपोर्ट के जरिए किसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर विदेश भागने की फिराक में थे। पुलिस ने समय रहते इनकी गिरफ्तारी कर इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरी लाल और वृताधिकारी रोहित सांखला के निकट सुपरविजन में थानाधिकारी राजगढ़ राजेश कुमार के नेतृत्व में गठित दो अलग-अलग टीमों ने यह बड़ी कार्रवाई की।
हिस्ट्रीशीटर देवकरण उर्फ देवा पुत्र बीरूराम जाट उम्र 30 साल निवासी लालासर थाना दुधवाखारा जिला चूरू के कब्जे से एक यू एस-निर्मित पिस्टल, दो जिंदा कारतूस और एक फर्जी पासपोर्ट जब्त किया गया। हिस्ट्रीशीटर विजय सिंह उर्फ गंगा सिंह निवासी घंटेल जिला चूरू के कब्जे से एक यू एस-निर्मित पिस्टल, 7 जिंदा कारतूस और एक फर्जी पासपोर्ट जब्त किया गया। देवकरण उर्फ देवा और विजय सिंह उर्फ गंगा सिंह के खिलाफ आर्म्स एक्ट तथा पासपोर्ट अधिनियम के तहत अलग अलग मुकदमें दर्ज किए गए।
गिरफ्तार आरोपी देवकरण उर्फ देवा थाना कोतवाली चूरू का और विजय सिंह उर्फ गंगा सिंह थाना सदर चूरू का हिस्ट्रीशीटर है। दोनों ही विदेश में बैठे गैंगस्टर रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण के संपर्क में थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी किशोरीलाल और सीओ रोहित सांखला के सुपरविजन में अनुसंधान अधिकारी धर्मेंद्र सिंह उप-निरीक्षक ने दोनों मुल्जिमों से फर्जी पासपोर्ट के संबंध में विस्तृत पूछताछ की।
अनुसंधान से सामने आया कि क्योंकि दोनों मुल्जिम हिस्ट्रीशीटर थे, वे जानते थे कि यदि वे अपने सही पते पर पासपोर्ट का आवेदन करते तो पुलिस सत्यापन के दौरान उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों के कारण उनका आवेदन रद्द हो जाता। इसलिए इन शातिर अपराधियों ने खुद को लक्ष्मणगढ़ सीकर का निवासी दिखाकर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और फर्जी पासपोर्ट बनवा लिए। इतना ही नहीं मुल्जिम विजय सिंह उर्फ गंगा सिंह तो अपने इसी फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करके दो बार विदेश भी जा चुका है।
बड़े मंसूबे पर पुलिस ने फेरा पानी
ये मुल्जिम फर्जी पासपोर्ट के आधार पर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद विदेश में बैठे अपने आकाओं गैंगस्टर रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण की शरण में जाने की फिराक में थे। लेकिन राजगढ़ पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से उनके इन खतरनाक मंसूबों को समय रहते नाकाम कर दिया गया। मुल्जिम विजय सिंह उर्फ गंगा सिंह और देवकरण उर्फ देवा के फर्जी पासपोर्ट बनाने के पीछे के वास्तविक उद्देश्य और इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य मुल्जिमों की भूमिका के संबंध में विस्तृत अनुसंधान जारी है। पुलिस इस पूरे गिरोह की जड़ तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।