केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने की डायमंड इम्प्रेस्ट लाइसेंस की शुरुआत की घोषणा

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Union Minister Piyush Goyal announced the launch of Diamond Imprest License
Union Minister Piyush Goyal announced the launch of Diamond Imprest License

मुंबई। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बॉम्बे एग्जीबिशन सेंटर (बीईसी), एनईएससीओ, गोरेगांव में आयोजित रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के प्रमुख शो, इंडिया इंटरनेशनल ज्वैलरी शो 2024 के 40वें संस्करण में डायमंड इम्प्रेस्ट लाइसेंस की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने यह घोषणा अपने संवादात्मक सत्र के दौरान की। डायमंड इम्प्रेस्ट लाइसेंस से एमएसएमई निर्यातकों को लाभ होगा, जो भारत के रत्न एवं आभूषण निर्यातकों का एक बड़ा हिस्सा है।

जीजेईपीसी लंबे समय से इस नीतिगत पहल की सिफारिश कर रहा है। डायमंड इम्प्रेस्ट लाइसेंस यह सुनिश्चित करता है कि एक निश्चित निर्यात टर्नओवर सीमा से ऊपर के भारतीय हीरा निर्यातकों को पिछले तीन वर्षों के औसत निर्यात टर्नओवर का कम से कम 5 प्रतिशत आयात करने की अनुमति होगी (पहले यह 10 प्रतिशत था)। इस भारतीय एमएसएमई हीरा निर्यातकों को बड़ी कंपनियों के साथ समान अवसर मिलेगा। यह भारतीय हीरा व्यापारियों के निवेश को हीरा खनन से संबंधित गंतव्यों की ओर जाने से रोकेगा। यह हीरा वर्गीकरण और कारखानों में सेमी-फिनिश्ड डायमंड्स की प्रोसेसिंग के मामले में अधिक रोजगार प्रदान करेगा।

गोयल ने रत्न एवं आभूषण कारोबारियों से यह भी वादा किया कि चूंकि जीजेईपीसी के आईआईजेएस प्रीमियर में प्रदर्शकों के लिए जगह की कमी हो रही है, इसलिए वे भविष्य में आईआईजेएस के लिए 2 मिलियन वर्ग फुट प्रदर्शनी स्थान बनाने के बारे में सोचेंगे।

गोयल ने कहा कि केंद्रीय बजट में सोने, चांदी और प्लेटिनम की शुल्क दरों में कटौती की गई है, क्योंकि अधिक शुल्क से रत्न एवं आभूषण उद्योग और रोजगार सृजन को नुकसान हो रहा था। उन्होंने आगे कहा, ‘‘अब सोना और आभूषण आधिकारिक चौनलों के माध्यम से तेजी से आएंगे और इस तरह हमारे कर्मचारियों को नौकरी के अनेक अवसर मिलेंगे। भारत का घरेलू बाजार लचीला है और वैश्विक मंदी के कारण निर्यात में हुए नुकसान की भरपाई के लिए तेजी से बढ़ रहा है। मैं रत्न एवं आभूषण निर्यातकों से सकारात्मक रहने का आग्रह करता हूं।

गोयल ने कहा, ‘‘भारत सरकार जी7 के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है और कई संबंधित केंद्रीय मंत्री बातचीत में निरंतर शामिल हुए हैं। हम यूरोपीय संघ के मंत्रियों और आयुक्त के साथ व्यापक चर्चा कर रहे हैं। पारदर्शिता, डेटा सुरक्षा और लागत के मुद्दे हैं। लेकिन यह पहली बार है कि भारत जी7 के साथ मजबूत स्थिति से बातचीत कर रहा है।

गोयल ने कहा, हमें उम्मीद है कि मुंबई या सूरत में एंटवर्प जैसा केंद्र हो सकता है। हम हीरे को अलग करने और उनकी उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डी बीयर्स किम्बरली प्रक्रिया पर भी बातचीत कर रहे हैं। हालांकि इस संबंध में कोई तकनीकी तंत्र और कोई प्रोटोकॉल नहीं है और हम इस दिशा में संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।

एफटीए के संदर्भ में, हम परामर्श प्रक्रिया का पालन करते हैं। विकसित देशों और महाद्वीपों के साथ कई चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि समयसीमा का अनुमान लगाना मुश्किल है क्योंकि चर्चाएं समय के साथ विकसित होती हैं। ऑस्ट्रेलिया के साथ ईसीटीए और यूएई के साथ सीईपीए एफटीए के मामले में, हम अपने सभी महत्वपूर्ण संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा करने में सक्षम थे। गोयल ने कहा, हम तभी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं जब हमारे पास अतीत के विपरीत निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित दृष्टिकोण होता है ।

ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए में, हमने भारतीय आईटी क्षेत्र के लिए दोहरे कराधान को हटा दिया। यूरोप के ईएफटीए (स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन) के मामले में, उन्होंने भारत में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करने और 1 मिलियन नौकरियां पैदा करने की प्रतिबद्धता जताई है।

गोयल ने कहा, विकसित देशों में मंदी के कारण भारतीय निर्यातकों को अधिक से अधिक मूल्य संवर्धन करने की आवश्यकता है। दुनिया उच्च लागत वाले उत्पादों या आभूषणों की तलाश नहीं कर रही है, बल्कि मेहनती कारीगरी, बेमिसाल उत्कृष्ट कलात्मकता और हस्तनिर्मित आभूषणों के साथ जटिल उत्पादों की तलाश कर रही है। समझदार ग्राहक हमेशा पैसे के लिए मूल्य की तलाश करेंगे।

जीजेईपीसी के चेयरमैन श्री विपुल शाह ने कहा, पीयूष गोयलजी के अथक समर्पण और दूरदर्शी नेतृत्व के परिणामस्वरूप भारत-यूएई सीईपीए, भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए, भारत-ईएफटीए टीईपीए जैसे एफटीए पर हस्ताक्षर हुए हैं। आपके आग्रह पर ही इन एफटीए को अंतिम रूप देने से पहले हितधारकों और उद्योग जगत के नेताओं के साथ कई बैठकें की गईं, ताकि उद्योग जगत को इसमें शामिल किया जा सके।

भारत-यूएई सीईपीए के परिणामस्वरूप यूएई को रत्न और आभूषण निर्यात में 40 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘हम आपके नेतृत्व में निकट भविष्य में भारत-यूके, भारत-ईयू और भारत-कनाडा एफटीए पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे निर्यात को काफी बढ़ावा मिलेगा।
(अनिल बेदाग)

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