जयपुर। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू (आरआर:88 बैच) को मंगलवार को राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। साहू वर्ष 1989 से भारतीय पुलिस सेवा में कार्यरत हैं। ओडिशा के निवासी हैं साहू ने एम टेक (इंजीनियरिंग – जियोलॉजी) की शिक्षा प्राप्त की है।
साहू ने अपनी लंबी सेवा अवधि में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए राजस्थान पुलिस को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रशिक्षण के बाद उनकी पहली पोस्टिंग वर्ष 1991 में एएसपी जोधपुर ईस्ट के रूप में हुई। इसके बाद 1993 में वे कमांडेंट आठवीं बटालियन आरएसी अगरतला में कार्यरत रहे।
एसपी के रूप में उन्होंने धौलपुर,बाड़मेर,आरएसबीआई जयपुर,हनुमानगढ़,सीकर, बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर,भीलवाड़ा और जोधपुर शहर जैसे विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं दीं। जोधपुर शहर से पदोन्नति के बाद वे उप महानिरीक्षक के पद पर एसीबी (स्पेशल विजिलेंस) में कार्यरत रहे। इसके पश्चात, उन्होंने आईजी एसीबी (स्पेशल विजिलेंस), कोटा रेंज, पुलिस मुख्यालय, रूल्स, प्लानिंग एवं मॉडर्नाइजेशन, इंटेलिजेंस जैसे वरिष्ठ पदों पर कार्य किया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के रूप में, उन्होंने इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस एवं मुख्यमंत्री सुरक्षा, गृह रक्षा एवं प्लानिंग एवं मॉडर्नाइजेशन में भी उल्लेखनीय कार्य किया। वे डीजी प्लानिंग एवं मॉडर्नाइजेशन एवं गृह रक्षा भी रहे।
इसके बाद वर्ष 2024 से साहू राजस्थान पुलिस के पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत थे। उन्हें उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्ष 2016 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से और 2005 में पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
साहू के नेतृत्व में पुलिस बल की कार्यशैली में नवाचार और आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा मिला है। जिससे पुलिस व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। उनका लंबा और बेदाग करियर उन्हें आरपीएससी चेयरमैन जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है। जहां उनकी अनुभव और निष्ठा से सार्वजनिक सेवा में और अधिक पारदर्शिता और दक्षता आएगी।
यूआर साहू ने आरपीएससी अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद कहा कि जिम्मेदारी को निष्ठा से निभाने का प्रयास होगा।
आगे सभी परीक्षाएं साफ-सुथरी और पारदर्शी तरीके से हों, यह प्राथमिकता रहेगी। पूरे राजस्थान को जानकारी है कि पिछले कई साल में जो भर्ती परीक्षाएं हुई, उसमें कई प्रकार की समस्याएं आई थीं। सरकार ने एसआईटी बनाई, पिछले डेढ़ साल से दोषियों को कानून के दायरे में लाया गया है। पिछले डेढ़ साल में जिस तरह सभी भर्ती परीक्षाओं में एजेंसी, पुलिस और सबका तालमेल रहा है, उसे बरकरार रखते हुए पारदर्शी तरीके से भर्ती परीक्षाएं करवाने पर फोकस रहेगा।
यू आर साहू के सामने आरपीएससी अध्यक्ष के तौर पर बहुत सी चुनौतियां हैं। पेपर लीक, पक्षपात, भाई-भतीजावाद और रिश्वत के आरोपों को लेकर इस संस्था की साख खराब हुई है। संस्था की चयन प्रक्रिया से लेकर कार्यप्रणाली पर पिछले लंबे समय से सवाल उठ रहे हैं। साहू के सामने इस संस्था की साख को फिर से बहाल करने और लोगों में भरोसा कायम करने की चुनौती रहेगी।