वरूथिनी एकादशी आज : मंदिरों में सजेगी फूल बंगला झांकी

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Devuthani Ekadashi on November 12
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जयपुर। वैशाख कृष्ण एकादशी गुरुवार को वरूथिनी एकादशी के रूप में भक्ति भाव से मनाई जाएगी। श्रद्धालु सृष्टि के पालनहार श्री हरि भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा कर मोक्ष की कामना के साथ एकादशी का व्रत रखेंगे। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में सुख और शांति का आगमन होता है।

आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर सुबह पंचामृत अभिषेक कर ठाकुरजी को लाल रंग की पोशाक धारण कराई जाएगी।। चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर जी, पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ जी, सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित श्री सरस निकुंज, रामगंज बाजार स्थित लाड़ली जी सहित अनेक वैष्णव मंदिरों में ठाकुरजी की विशेष झांकी सजाई जाएगी। कई मंदिरों में फूल बंगला झांकी सजाई जाएगी।

श्री श्याम मंदिरों में अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। म्हारे घरा पधारो श्याम संस्था की ओर से 24 अप्रैल को अग्रवाल फार्म सेक्टर 11 स्थित श्याम पार्क में में एकादशी कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। महामंडलेश्वर मनोहर दास महाराज, खाटू धाम निज मंदिर के पुरुषोत्तम महाराज, श्री श्याम भजन संध्या परिवार के शंकर झालानी, श्री श्याम सेवा संघ मानसरोवर के अध्यक्ष विमल सोनी, संतोष व्यास ने भजन संध्या के पोस्टर का विमोचन किया।

संस्था के अध्यक्ष रतन कट्टा ने बताया कि भजन संध्या भजन गायक राज राठौड़, गोपाल सेन भजनों की प्रस्तुतियां देंगे। किरण पथ मानसरोवर स्थित श्री वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केन्द्र में सबके लिए सद्बुद्धि की कामना से गायत्री महामंत्र का जाप किया जाएगा। हरिओम जन सेवा समिति की ओर से विद्याधर नगर में जरूरतमंदों को दूध का वितरण किया जाएगा।

रहेंगे ब्रह्म और इंद्र योग

ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर एक साथ कई शुभकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक पर धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। ज्योतिषाचार्य पं. पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर शिव वास योग का संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव सर्वप्रथम कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ रहेंगे। इसके बाद भगवान शिव नंदी की सवारी करेंगे।

इस दौरान भगवान मधुसूदन की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। एकादशी तिथि पर ब्रह्म और इंद्र योग के भी संयोग बन रहे हैं। इस शुभ तिथि पर सुबह से लेकर अपराह्न तीन बजे तक ब्रह्म योग है। इसके बाद इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इंद्र योग का संयोग रात भर है। ब्रह्म और इंद्र योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

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